खरसावां: आदिम कुम्हार महासंघ झारखण्ड प्रदेश के कोषाध्यक्ष सत्येन्द्र कुम्हार ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि झारखंड प्रदेश के प्रजापति जाति के किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लेना है और ना ही सहयोग करना है. वे लोग भोले- भाले झारखंडी कुम्हारो का केवल इस्तेमाल किया करते है.
कुम्हार जाति के बहुसंख्यक होते हुए भी अधिकांश लाभ प्रजापति जाति के लोग ले रहे हैं. देखा जाए तो भारत वर्ष के किसी भी कोने के खतियान जाति प्रजापति अंकित नहीं है. अपने को प्रजापति जाति मानने वाले कुम्हार जाति को लुप्त करना चाहता है. इसलिए पिछड़ा वर्ग कि जाति सूची में धोखे से प्रजापति (कुम्हार) अंकित करवाया गया है. जिससे क्षेत्र के अधिकंश लोगों का जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो रहा है, क्योंकि खतियान में जाति केवल कुम्हार अंकित है.
प्रजापति जाति वालों के कारण यहां के कुम्हार जाति के लोगों को परेशानियों झेलना पड़ रहा है. इसलिए हम कुम्हार जाति के लोगों से आह्वान है कि अपने जाति के स्वाभिमान की रक्षा हेतु हम सभी को संगठित होने की आवश्यकता है. साथ ही प्रजापति के कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का आवहान करने का आवहान किया.