खरसावां (Ramjan Ansari) मंगलवार को खरसावां- कुचाई में परिवार के सुख- समृद्वि और शांति के साथ कोरोना महामारी से पूरे देश को मुक्ति दिलाने के लिए खरसावां शहरी क्षेत्र स्थित गुडिचा मंदिर, हरिभंजा, दलाईकेला, बडाकुड़मा के गुड़िचा मंदिरो सहित विभिन्न मंदिरों व मां तारिणी पीठों पर मां संकट तारिणी की पूजा की गयी.
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कई श्रद्वालुओं द्वारा घरो में भी कलश स्थापित कर माता की पूजा अर्चना की जा रही है. महिलाएं 13 प्रकार के मिष्ठान फल- फूल, पान- सुपारी के साथ सुबह मंदिर पहुंची और व्रत रखकर विध्न- बाधा और नकारात्मक उर्जा दूर करने हेतु विपत्तितारिणी देवी की विशेष पूजा-अर्चना की. भगवती दुर्गा की विपत्तितारिणी स्वरूपा की पूजा रथ यात्रा के बाद मंगल और शनिवार को होता है. यानी आषाढ मास के तृतीय से नवमी तक अथवा घूमती रथ के अंदर विपत्तितारिणी की पूजा की जाती है. महिलाओं ने व्रत रखकर दिनभर पूजा- अर्चना की. मंदिरो में पूजा- अर्चना को लेकर सुहागिनों की भीड उमड़ पड़ी.
महिलाओं ने नाम गोत्र के साथ पूजा- पाठ करवा कर अपने और अपने परिवार के सदस्यों के सुख समृद्वि की कामना की. मान्यता है कि जीवन से विपत्ति को दूर करने के उदेश्य से हर वर्ष रथ पूजा के बाद पहले शनिवार और मंगलवार को मां विपततारिणी पूजा का आयोजन किया जाता है. इसके अलावे खरसावां, कुचाई, आमदा, बड़ा बाम्बो आदि क्षेत्र में भी श्रद्वालुओ ने अपने घरो में कलश स्थापित कर माता की पूजा- अर्चना की और देवी से सुख-शांति की कामना की.
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