खरसावां: शुक्रवार को पथ निरीक्षण भवन खरसावां में भाजपाईयों ने डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया गया. भाजपाईयों ने डा0 मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्वांजलि दी. मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष विजय महतो ने कहा कि “एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नही चलेगे“ के विरोध के कारण कश्मीर सरकार ने डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी कों गिरफ्तार कर लिया गया. और नजरबंद कर लिया गया. नजरबंद अवस्था में 23 जून 1953 की रात डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन का रहस्मय अंत के हो गया. यह उनका रहस्मय अंत नही एक बलिदान था. हालाकि उनके कीमती बलिदान ने कश्मीर को बचा लिया. कश्मीर में प्रवेश के लिए परमिट प्रणाली खत्म हो गया.
वही नगर विकास एवं आवास विभाग के सांसद प्रतिनिधि सुशील षांड़गी ने कहा कि डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म छह जुलाई 1901 को कलकत्ता में हुआ था. मुखर्जी 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्व विद्यालय के कुलपति बने. उन्होंने कहा कि अक्टूबर 1951 में जनसंघ की स्थापना की. उन्होंने जम्मू कश्मीर का अलग झंडा अलग संविधान और धारा 370 का पुरजोर विरोध किया और बिना परमिट 1953 में वे जम्मू कश्मीर यात्रा पर निकल पड़े. जहां उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. उन्होंने कहा कि देश के लिए किया गया उनका त्याग और बलिदान भुलाया नहीं जा सकता.
इस दौरान डा0 मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्वांजलि देने वालों में मुख्य रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष विजय महतो, पूर्व जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव, सांसद प्रतिनिधि सुशील षांड़गी, दुलाल स्वासी, लखीराम मुंड़ा, एसटी मोर्चा के प्रदेश सदस्य लाल सिंह सोय, प्रकाश मुखी, विश्वजीत प्रधान, कुचाई मंडल अध्यक्ष मंगल सिंह मुंडा, प्रधान माटीसोय, होपना सोरेन, आसु मुंड़ा, धमेन्द्र सांडिल, लादुराम हेम्ब्रम, राम चन्द्र मुंडा, जयचांद महतो, अश्वनी सिंहदेव, विकास सरदार, निरंजन तांती आदि उपस्थित थे.