खरसावां/ Ajay Mahato सोमवार को डाक बांग्ला में कोल्हान स्तरीय झारखंड आंदोलनकारी मंच की बैठक संपन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता मंच के मुख्य संयोजक धनपति सरदार ने की. बैठक में झारखंड आंदोलनकारियों की वर्तमान स्थिति पर विचार- विमर्श किया गया.
मौके पर धनपति सरदार ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी चिंहितिकरण आयोग का गठन हुए 11 वर्ष हो गए हैं, लेकिन अब तक झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान नहीं हो पाना, चिंता का विषय है. आंदोलनकारी से संबंधित पूर्व और वर्तमान सरकार की कार्यशैली पर समीक्षा किया गया. बताया गया कि वर्तमान झारखंड आंदोलनकारी चिंहितिकरण आयोग में दलाल किस्म के लोग हावी है, तथा सही आंदोलनकारी को ठगा जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 5000- 10,000 रुपया लेकर आंदोलनकारी के रूप में चिन्हित किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है. ऐसे लोग आंदोलनकारी के महत्व को खत्म कर देना चाहते हैं. आंदोलनकारी को दिग्भ्रमित कर भ्रम फैला रहे हैं. 11 वर्ष पूर्व आंदोलनकारी से संबंधित कोई भी ऐसा संगठन नहीं था, जो आंदोलनकारी की बात करें. अब कई संगठन निकल आए हैं और आंदोलनकारी के नाम पर आंदोलनकारियों को गुमराह कर रहे हैं. सम्मान पत्र बांट रहे हैं. सम्मान पत्र बांटने वाले पहले आंदोलनकारी के बारे में सोचे. उसके बाद सम्मान पत्र बांटे. क्योंकि आज से 23 वर्ष पहले सर्टिफिकेट बांटने वाले कहां थे, झारखंड आंदोलनकारी चिंहितिकरण आयोग भी सरकार उपहार के रूप में गठन नहीं किया है. यह आयोग भी कई झारखंड आंदोलनकारियों के आंदोलन की बदौलत बना है. बावजूद इसके भूमिगत रहकर आंदोलन करने वालों को चिन्हित नहीं किया जा रहा है. बैठक में वर्तमान आंदोलनकारी आयोग की आलोचना करते हुए आयोग की कार्यशैली से मुख्यमंत्री को अवगत कराने का निर्णय लिया गया. झारखंड आंदोलनकारियों से भी निवेदन किया गया कि आंदोलनकारी होने के महत्व को हम लोग समझेंगे तभी हम लोग आंदोलनकारी कहलाएंगे. वर्ष 2017 में जिला के नोडल पदाधिकारी द्वारा अंचल स्तर पर सत्यापन किया गया. उसके लिए जिला स्तर में एक- एक संयोजक नियुक्त किया है, जिसमें पूर्वी सिंहभूम के लिए रामसई बास्के, पश्चिमी सिंहभूम के लिए डेविड सिंह कालुंडिया व सरायकेला- खरसावां के लिए राजेश मुंडारी को प्रभार दिया गया है.
बैठक में धनपति सरदार, रामसई बास्के बुधराम सोय, डेविड सिंह कालुंडिया, राजेश मुंडारी, सुनील महतो, होपना हेंब्रम, केदारनाथ अग्रवाल, रामसाई बास्के, सुदर्शन मुर्मू, रामचंद्र महतो, पानो मारंडी, अनिता रानी महतो, श्रीमती टुडू, माती टुडू, चांचू राम मारंडी, पृथ्वी नाथ महतो, सानो महतो, लक्ष्मण मारडी, राधानाथ महतो, दिलीप कुमार गिरी, पंडरी सोरेन आदि सक्रिय आंदोलनकारी एवं आंदोलनकारी के आश्रित उपस्थित थे.
Reporter for Industrial Area Adityapur