खरसावां : खरसावां पथ निरीक्षण भवन मे बुधवार को झारखंड आंदोलनकारियों की एक बैठक झारखंड आंदोलनकारी बुधराम सोय की अध्यक्षता में की गई. इस बैठक झारखंड आंदोलनकारी मंच के मुख्य संयोजक धनपति सरदार के उपस्थिति में निर्णय लिया गया कि आगामी 30 नवबंर को खरसावां पथ निरीक्षण भवन में पुनः झारखंड आंदोलनकारी मंच की बैठक में आगामी 1 जनवरी 2024 को मनाये जाने वाले खरसावां शहीद दिवस की तैयारी पर विचार विमर्श किया जाएगा.
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मौके पर धनपति सरदार ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी चिंहितिकरण आयोग के गठन हुए 11 वर्ष बीत गए, इसके बावजूद सरकार झारखंड आंदोलनकारियों को चिन्हित करने में नाकाम है. आज भी झारखंड आंदोलनकारियों मान-सम्मान से वंचित है. झारखंड आंदोलनकारी मंच ने मान-सम्मान व पेंशन दिलाने की मांग को लेकर सरकार से कई बार गुहार लगाई है. इसके बावजूद आज भी उन्हे मान-सम्मान नही मिला है. यह चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा कि सरकार से झारखंड आंदोलनकारियों को प्रत्येक माह 20 हजार रूपये मान-सम्मान राशि के रूप में देने की मांग मांग करते हुए उन्होने ने कहा कि झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के नेतृत्व में झारखंड राज्य अलग कराने को लेकर मुहिम छेड़ी गई थी. आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ा था, फिर भी यहां के आंदोलनकारी डटे रहे. इसके बाद भी आंदोलनकारी सम्मान व पेंशन से वंचित हैं. वर्तमान झारखंड आंदोलनकारी चिंहितिकरण आयोग मे दलाल हावी है. सही आंदोलनकारी को ठगा जा रहा है. पांच से दस हजार लेकर आंदोलनकारी के रूप में चिन्हित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी को दिग्भ्रमित कर भ्रम फैला रहे हैं. झारखंड आंदोलनकारी मंच की अगली बैठक में सभी आंदोलनकारियों का पहुचने की अली की गई. इस बैठक में मुख्य रूप से मंच के मुख्य संयोजक धनपति सरदार, बुधराम सोय, लुबूराम सोय, हरिश चन्द्र बानरा, मनोज कुमार मुदुईया, राम कृष्णा मुंडारी, केपी सेठ सोय, कोकिल कैशरी, डेविड सिंह कालुन्डिया, संतीश होनहागा, राजेश मुन्डरी आदि आंदोलनकारी उपस्थित थे.
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