खरसावां : कुचाई प्रखंड के सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र रुगुडीह पंचायत के रामडीह गांव में आम आदमी पार्टी के नेता बिरसा सोय के नेतृत्व में मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती मनाई गई. इस अवसर पर समाज के जरूरतमंद लोगों के बीच में शॉल का वितरण किया गया. मौके पर बिरसा सोय ने कहा कि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा चाहते थे कि झारखंड एक अलग राज्य बने और इस राज्य के आदिवासियों को केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जैसे पदों की अवसर मिल सके. लेकिन उनका सपना साकार नहीं हुआ. उन्होंने संविधान सभा में बेहद वाकपटुता से देश की आदिवासियों के बारे में सकारात्मक ढंग से अपनी बात रखी.
संविधान सभा में ‘अनुसूचित जनजाति’ की जगह आदिवासियों को आदिवासी सूची में ही शामिल करने की बात कही. लेकिन मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा का सपना पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि देश आजादी हुए 76 साल के बाद भी आदिवासीयों का विकास नहीं होना आदिवासी वीर शहिदों के सपनों के खिलाफ है. झारखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही आदिवासियों के लिए बनाए गए कानूनों को सख्ती से लागू किया जाएगा. झारखंड में राज्य अलग होने के बाद पांच आदिवासी मुख्यमंत्री बने. लेकिन इसके बावजूद भी आज झारखंड के आदिवासियों का विकास नहीं होना चिंता का विषय है.
आप नेता रामकृष्ण मुंडारी उर्फ टेने ने कहा कि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ने ही झारखंड अलग राज्य बनाने का सबसे पहले मुहिम छेड़ा था. लेकिन उनके सपनों का झारखंड नहीं बना. आज समाज के हर परिवार के घरों में मरांग गोमके का फोटो लगाना चाहिए. ताकि समाज के अगले पीढ़ियों को समाज का इतिहास मालूम हो सके. आप नेता जोगन सोय ने कहा कि झारखंड में सबसे अधिक खनिज संपदा का भंडार है. इसके बाबजूद भी जिस झारखंडियों के जमीनों के अंदर खनिज संपदा का भंडार है. आज वही लोग भुखमरी की जिंदगी जीने को विवश हैं.
उन्होंने कहा ऐसे में हमारे मरांग गोमके के सपनों का झारखंड कैसे बन सकता है. इसीलिए में आदिवासी समाज के तमाम बुद्धिजीवियों से निवेदन पूर्वक कहना चाहता हूं कि डूबते आदिवासी समाज को बचाने के लिए आगे आए ताकि हम अपने वीर शहिदों के सपनों को साकार कर सकें. इस दौरान मुख्य रूप से बिरसा सोय, रामकृष्ण मुंडारी, जोगन सोय, मंगल सिंह मुंडा, जादू मुंडा, बगराय मुंडा, जीदेन तीडु, सोनाराम मुंडा, आगनु मुंडा, कार्तिक सिंह मुंडा, गौर सिंह मुंडा, मानो सिंह मुंडा, सुनीदेवाल पुरती, राजू मुंडा, रघुनाथ मुंडा, मोहन सिंह मुंडा, दुर्गा मुंडा, जीतू मुड़ा, दुर्गा सिंह मुंडा, दिगम्बर स्वांसी, गोमा मुंडा, मुनि मुंडा आदि उपस्थित थे.