खरसावां: प्रखंड मुख्यालय में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 पर जलसहियाओं का प्रखंड स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित जिला सामान्यवक श्याम चरण प्रमाणिक, अनुज श्रीवास्तव व गौराग चन्द्र बेहरा ने जलसहियाओं को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण से छूटे हुए योग्य लाभुकों का चयन करने, ओडीएफ प्लास से संबंधित चयनित ग्राम एआईपी बनाने हेतु डाटा उपलब्ध कराने के साथ- साथ कैश बुक संधारन की जानकारी दी गई.
मौके पर समन्वयक ने कहा कि पानी की गुणवत्ता के बारे में जानना बेहद जरूरी है. क्योंकि इसका सीधा संबंध लोगों की सेहत और खुशहाली से है. पानी की गुणवत्ता की जांच और निगरानी के ढांचे में विभाग की तरफ से दृष्टिकोण में बदलाव आया है. इसे एक सामुदायिक अधिकार के तौर पर विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है. सिर्फ टीडीएस को पानी की गुणवत्ता का मापदंड मानकर आरओ खरीदना सही नहीं है. पानी की गुणवत्ता की जांच झार जल मोबाइल एप्प के माध्यम से की जाएगी. जल सहियों के सहयोग से एक-एक हैंडपंप का सर्वे कराया जाएगा. जल सहिया अपनी रिपोर्ट में बताएंगी कि हैंडपंप किस योजना के तहत लगाया गया है? हैंडपंप की गहराई क्या है? हैंडपंप की मरम्मत कब- कब हुई ? हैंडपंप सिंगल विलेज स्कीम का है या मल्टीविलेज स्कीम का, यह पूरी जानकारी ऐप पर अपलोड होगी. पेयजल विभाग के सभी प्रमंडल अपने अधीन आने वाले एक- एक चापानल का रिकॉर्ड ऐप में अपलोड करेंगे. जिसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग जीआईएस स्पेशलिस्ट रांची स्थित प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट भवन से करेंगे. कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनुज श्रीवास्तव, गौराग चन्द्र बेहरा, बीडब्लूएससी मनीष माहली, लैब सहायक रिंकी पति, प्रखंड सामान्यवक जियाउल हक सहित प्रखंड के जलसहिया उपस्थित थे.
Exploring world
विज्ञापन
विज्ञापन