खरसावां: शहीद स्थल से आदिवासी हो समाज महासभा के सौजन्य से 57 विद्यार्थियों का दल शैक्षणिक भ्रमण के लिए निकले. शैक्षणिक भ्रमण को पाठ्यक्रम का अहम हिस्सा माना गया हैं. इसी के तहत शैक्षणिक भ्रमण के लिए निकले विद्यार्थियों के दल को खरसावां पंचायत की मुखिया सुनिता तापे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
यह दल कोल्हान क्षेत्र के लुकु बुरू, कोल- धुर्वा लड़ाई, पासेया, कोमचोंग दीरी, सेरेंगसीया, रीतुई, गुड़ाइर्, जगन्नाथपुर जैसे ऐतिहासिक पौराणिक स्थलों का भ्रमण कर इतिहास को समझेगे. मौके पर सुश्री तापे ने कहा कि शैक्षणिक भ्रमणों के माध्यम से बच्चे इतिहास, विज्ञान शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रूप से समझ पाते हैं. इसके साथ साथ ही समूह में रहने, कार्य करने तथा नायक बनने के गुणों का विकास होता हैं. यह भ्रमण ज्ञान अर्जन व सीखने का सबसे अच्छा माध्यम हैं. मनोरंजन का अवसर भी शैक्षिक भ्रमण में मिलता हैं. उन्होने कहा कि रोजाना की दिनचर्या से कुछ हटकर नए स्थानों पर घूमने से न केवल सिर्फ ज्ञान वृद्धि होती हैं, बल्कि मानसिक रूप से व्यक्ति तंदुरुस्त भी बनता हैं. शैक्षणिक भ्रमण से विद्यार्थियों का मानसिक, बौद्धिक, सामाजिक व आध्यात्मिक विकास भी होता है. इसलिए हमें समय- समय पर विद्यार्थियों को ऐसे भ्रमणों पर लेकर जाना चाहिए.
इसी के तहत हो समाज बच्चों को इस तरह की शैक्षणिक यात्रा पर ले जाते हैं. इस दौरान मुख्य रूप से खरसावां पंचायत की मुखिया सुनीता तापे, हो समाज के जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार सोय, लालसिंह सोय, नागेन सोय, रामलाल हेंब्रम, उदय सोय, सातेन सोय, शिक्षक सिदेश्वर कुदादा आदि उपस्थित थे.