खरसावां: हरिभंजा में ओड़िशा के पुरी के तर्ज पर रथ यात्रा निकाली गयी. आज भी यहां ढाई सौ वर्ष पुरानी जगन्नाथ ओड़िया संस्कृति की झलक दिखायी देती है. रथ यात्रा के समय पुरी के तरह यहां भी भजन- कीर्तन का आयोजन किया गया.
प्रभु जगन्नाथ के रथ के आगे ओड़िशा के बोलांगिर से आये 50 कलाकारों ने ओड़िया में भजन- कीर्तन करते रहे. प्रभु जगन्नाथ से संबंधित भजनों पर भक्त दिन भर झूमते रहे. ओड़िशा के बोलांगिर शहर से आये कलाकारों की प्रस्तुती आकर्षण का मुख्य केंद्र बना रहा. भजन किर्तन को देखने के लिये काफी लोग पहुंचे हुए थे.
इसके अलावे घंटवाली दल भी घंटा बजाते रहे. बड़े- बड़े आकार के नगाड़ों से पूरा गांव गुंजता रहा. रथ को भी काफी भव्य तरीके से सजाया संवारा गया था. मन्नत पूरी होने पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भगवान के यहां चढ़ावा चढ़ाया. रथ यात्रा के दौरान भक्त प्रभु जगन्नाथ की भक्ति में लीन होते देखे गये. उल्लेखनीय है कि खरसावां के हरिभंजा का रथ यात्रा काफी पुराना है. यहां पिछले ढाई सौ वर्षो से रथ यात्रा का आयोजन होता आ रहा है. यहां के रथ यात्र में सादगी ही विशेषता है.