खरसावां: सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रो के बच्चों के बीच गुरुकुल द्वारा पाठ्यपुस्तक वितरण किया गया. जिससे बच्चों के चेहरे खिल उठे. गुरुकुल के निदेशक गजेंद्र नाथ चौहान ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह समय उनके जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है. इसे चाहे तो और सुंदर बनाकर डाक्टर, इंजीनियर और उच्च पदों में जाकर अपने गांव के साथ साथ अपने माता-पिता का नाम रौशन कर सकते है.
च्चों को प्रतिदिन विद्यालय जाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा सीखने की एक प्रक्रिया है. यह किसी भी वस्तु या परिस्थिति को आसानी से समझने, किसी भी तरह की समस्या से निपटने और पूरे जीवन भर विभिन्न आयामों में संतुलन बनाए रखने में हमारी सहायता करती है. शिक्षा हमें अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. यह हमारे ज्ञान, कुशलता, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में सुधार कर सामाजिक विकास, आर्थिक वृद्धि और तकनीकी उन्नति का रास्ता प्रशस्त करती है. आजादी के कई वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी सरकारी प्राथमिक स्कूलों में न तो शिक्षा का स्तर सुधर पा रहा है और न ही इनमें विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाएं मिल पा रही हैं. श्री चौहान ने कहा कि देश की एक बड़ी आबादी सरकारी स्कूलों के ही भरोसे है. फिर वे चाहे कैसे भी क्यों न हों. इन स्कूलों में न तो योग्य अध्यापक हैं और न ही मूलभूत सुविधाएं. बचपन अमूल्य है और यह जीवन के कुछ प्रारम्भिक वर्षों के लिए ही प्राप्त होता है, इसलिए स्कूल बस्ते का भार कम रखकर बच्चों को बचपन का आनंद लेने व सामाजिक विकास करने का पर्याप्त अवसर देना चाहिए. इस दौरान ग्रामीणों के साथ साथ स्कूली बच्चे उपस्थित थे.