खारसावां: झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन सोमवार को खरसावां शहीद स्थल पहुंचे और शहीद वेदी पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा रांची सांसद संजय सेठ, खरसावां विधायक दशरथ गागराई सहित अन्य मौजूद रहे.
इससे पूर्व पथ निरीक्षण भवन गेस्ट हाउस में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा एवं उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने राज्यपाल का गुलदस्ता देकर स्वागत किया. उसके बाद राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दी गई. मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने बताया कि खरसावां गोली कांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना अपने आप में गौरवशाली क्षण है. खरसावां गोलीकांड के शहीदों की शहादत को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज के दिन को भूलना आसान नहीं है. एक तरफ देश आजाद भारत का पहला नया साल मनाने के जश्न की तैयारी में था, दूसरी तरफ खरसावां के जनजातीय समुदाय के लोगों पर गोलियां बरसाई गई थी. उन्होंने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की वजह से अलग झारखंड राज्य का सपना साकार हुआ और अर्जुन मुंडा जैसे मुख्यमंत्री के नेतृत्व प्राप्त कर झारखंड विकसित राज्य के पथ पर अग्रसर है. बता दें कि सीपी राधाकृष्णन झारखंड के पहले राज्यपाल हैं जो खारसावां के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे.
खारसावां के शहीदों को चिन्हित करने के लिए सरकार करे पहल: मुंडा
इधर मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हम फूल चढ़ने वाले नहीं बल्कि फूल उगाने वाले बनेंगे. शहीद वेदी पर आकर फूल चढ़कर अपनी जिम्मेदारी से हम भाग नहीं सकते. हमें ऐसा करना होगा ताकि यहां के किसानों की आए बेहतर हो. यह क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है. केंद्र सरकार ऐसी कार्य योजना तैयार कर रही है जिससे इलाके के किसानों के जीवन में बदलाव आए और उनका जीवन भी खुशियों से परिपूर्ण हो. भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की ओर से शहीद कृषि मेला का आयोजन किया गया है. जहां क्षेत्र के किसानों के लिए एक से बढ़कर एक खेती- किसानी और बागवानी के स्टॉल लगाए गए हैं. जिसके माध्यम से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में कृषि कार्य को बढ़ावा देना है. वहीं एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि खरसाल गोलीकांड के शहीदों का स्पष्ट ब्यौरा आज तक नहीं मिल सका है. सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए और शहीदों का स्पष्ट डाटा तैयार करना चाहिए.
सुरक्षा की रही चाक चौबंद व्यवस्था
शहीद दिवस कार्यक्रम को लेकर समूचे खारसावां को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. चप्पे- चप्पे पर पुलिस कर्मियों के साथ पदाधिकारी एवं दंडाधिकारी की प्रतिनिधि की गई थी. हर आने- जाने वाले श्रद्धालुओं को कड़ी सुरक्षा जांच के बाद ही शहीद वेदी पर जाने की अनुमति दी गई थी.
हर साल की तरह इस साल रही कम भीड़
इस साल शहीद स्थल पर अन्य साल की तुलना में कम भीड़ देखी गयी. श्रद्धालुओं से ज्यादा सुरक्षा बलों की तैनाती रही. इसकी मुख्य वजह भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा शहीद स्थल से दो किमी दूर गोंडपुर मैदान में लगाए गए शहीद कृषि मेला को माना जा रहा है. जहां सुबह से ही क्षेत्र के किसानों की भीड़ जुटी.