खरसावां: रविवार को खरसावां के बेहरासाई मदीना मस्जिद में रमजान के मौके पर दावत- ए- इफ्तार का आयोजन किया गया. इस दावत- ए- इफ्तार में सभी रोजेदारो ने मगरिव की नमाज अदा कर देश में अमन चैन व शांति के साथ आपसी मिल्लत के लिए दुआ मांगी.


मौके पर बेहरासाई मदिना मस्जिद के मौलाना आसिफ इकबाल रजवी ने कहा कि रमजान अज्मल और बरकत वाला महीना है. इस महीने में अल्लाह रोजेदार की रोजी बढ़ा देता है. यहां तक कि इस महीने में रोजेदार को इफ्तार कराने से खुदा उसके गुनाहों की माफी देता है और उसके कारोबार में बरक्कत करता है. इफ्तार करने वालों से कराने वाले को शबाब अधिक मिलता है. इसलिए इस माह में शबाब लेने के लिए रोजेदारों को इफ्तार करना चाहिए. उन्होने कहा कि एक बार हुजूर ए अक्दस (सल्ल) से अर्ज किया गया कि या रसूल्लाह (सल्ल) हममें से हर एक को तो इफ्तार कराने का सामान मयस्सर नही होता, तो क्या गरीब लोग इस अजीम सवाब से महरूम रह जायेगें. तब हुजूर-ए-अक्दस (सल्ल) ने फरमाया, अल्लाह तआला यह सब उस शख्स को भी देगा जो दूध की थोडी सी लस्सी पर या पानी के एक घूंट पर किसी रोजेदार का रोजा इफ्तार करा दे. रसूले करीम (सल्ल) ने सिल्सिलए कलाम जारी रखते हुए आगे इर्शाद फरमाया कि और जो कोई किसी रोजेदार को पूरा खाना खिला दे उसको अल्लाह तआला मेरे हौजे कैसर से सवाब देकर तृप्त करेगा. इस इफ्तार पाटी में काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए.
