खरसावां: प्रखण्ड के कृष्णापुर गांव में वार्षिक सांस्कृतिक छऊ महोत्सव का आयोजन किया गया. इस वार्षिक सांस्कृतिक छऊ महोत्सव कार्यक्रम में खरसावां के कृष्णापुर के कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य पेश कर सबका मन मोह लिया.
रंगारंग सांस्कृतिक छऊ महोत्सव में मुख्य रूप से उपस्थित खरसावां प्रमुख मनेन्द्र जामुदा ने कहा कि छऊ खरसावां की जीवन रेखा है. छऊ नृत्य की कला परंपरा युगों- युगों से चली आ रही है. खरसावां का छऊ नृत्य संस्कृतियों का संगम है. जो दूर- दूर तक फैली है. इसकी महत्ता बनाए रखे, तभी कला का विकास संभव है. सांस्कृतिक छऊ नृत्य का शुभारंभ गणेश वंदना नृत्य के साथ किया गया.
इस दौरान खरसावां के कृष्णापुर उपर एवं नीचे टोला के छऊ कलाकारों द्वारा आदिवासियों के शिकार परंपरा पर आधारित शिकारी नृत्य, मयूर, मां दुर्गा की महिषासुर वध, रात्रि, राजा हरिश चंद्र के दान, शोले, गुप्त मिलन, राम लक्ष्मण पर आधारित सेतु बंधन, अश्वमेध यज्ञ व सीता हरण, शिव पार्वती के तांडव नृत्य को जीवंत रूप दे कर क्रार्यक्रम में समां बांध दिया.
वहीं, दर्शकों ने श्रीकृष्ण बाल लीला पर आधारित कालिया दमन, मथुरा गमन, माया बंधन, माखन चोर, जय मां दुर्गा, महिसासुर वध, माया शबरी, रामलीला, शिव रात्री आदि नृत्य की भव्य प्रस्तुती देकर दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं पूरी रात दर्शक छऊ नृत्य का लुफ्त उठाते रहे. इस दौरान मुख्य रूप से खरसावां प्रमुख मनेन्द्र जामुदा, युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव प्रमेन्द्र कुमार मिश्रा, तनुज प्रधान, दशरथ सोय, योगेश्वर महतो, रामलाल महतो, भरत महतो, सुदर्शन महतो, मनबोध महतो, विरोध महतो, गोविंद नापित, रूपेश महतो संदीप महतो आदि उपस्थित थे.