खरसावां: रविवार को वीरमुंडा मैदान मे वृहद झारखण्ड जनाधिकार मंच का द्वितीय स्थापना दिवस सह मिलन समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में वीजेजेएम के वार्षिक उपलब्धियां को बारी- बारी से रखा गया. साथ ही वार्षिक लेखा- जोखा प्रस्तुत की गई.
वहीं जमीनी स्तर पर संगठन के मजबूतीकरण पर रणनीति तैयार की गई. इसके अलावे झारखंड की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की गई. स्थापना दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वीजेजेएम के केन्द्रीय अध्यक्ष बिरसा सोय ने कहा कि वृहद झारखण्ड अलग राज्य के बिना झारखंडियों का संपूर्ण विकास असंभव है. वृहद झारखण्ड अलग राज्य बनाने के लिए झारखंड के वीर शहीदों और आंदोलनकारियों ने लगातार एक सौ वर्षों तक आंदोलन किया. इसके बावजूद भी झारखंडियों को वृहद झारखण्ड राज्य नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा यह झारखंडियों के साथ धोखा है. आज अगर वृहद झारखण्ड अलग राज्य बना होता तो झारखंडियों को देश का नेतृत्व करने का अवसर प्राप्त होता. उन्होंने कहा कि खरसावां गोलीकांड भी वृहद झारखण्ड अलग बनाने का आंदोलन का ही हिस्सा है. आज झारखंडियों का जल, जंगल, जमीन सुरक्षित नहीं है. खनिज संपदा से भरपूर अलग झारखण्ड राज्य बनने के 22 वर्षों के बाद भी झारखंडी जनता बेरोजगारी, भूखमरी, अशिक्षा, कुपोषण पलायन के शिकार हो रहे हैं. जिसपर मंथन करने की जरूरत है.
वीजेजेएम का द्वितीय स्थापना दिवस हर जिला में मनाया जा रहा है. इस दौरान कार्यक्रम को युवा मंच के जिला अध्यक्ष बिरसा बंकिरा ने भी संबोधित किया.
*झारखण्ड को प्रयोगशाला नहीं बनने देंगे-लॉरेंस*
वृहद झारखण्ड जनाधिकार मंच के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष लॉरेंस जोजो ने कहा कि अब हम झारखण्ड को प्रयोगशाला नहीं बनने देंगे. झारखंडी जनता को उनका बहुमूल्य वोट हंडिया, दारु, मुर्गा और रुपया पैसा में हमारे झारखंडी नेताओं ने हमेशा से ठगने का कार्य किया है. अब हम ऐसा होने नहीं देंगे. मंच की ओर से हर गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
*झारखंडियों दुर्दशा ज्यों की त्यों है- ज्योतिष*
वीजेजेएम के केंद्रीय महासचिव ज्योतिष महाली ने कहा कि कुछ स्वार्थी नेताओं ने झारखंड को अपना बपौती संपत्ति समझ लिया है. झारखंडियों का दुर्भाग्य है कि अलग झारखंड अलग राज्य के बाद भी झारखंडी जनता का विकास नहीं हुआ. झारखंडियों की दुर्दशा ज्यों की त्यों है. उन्होने कहा कि झारखंडी नेताओं ने झारखंड राज्य के आम जनता का स्वर्णिम भविष्य को बर्बाद कर दिया. यही वजह है कि आज कोई भी झारखंडी नेता शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, नौकरी और जल, जंगल, जमीन की बात नहीं करके सिर्फ धर्म और मजहब की बात करके यहां के आम जनता को आपस में लड़ाने का कार्य कर रहे हैं.
*ये थै मौजूद*
केन्द्रीय अध्यक्ष बिरसा सोय, केन्द्रीय वरीय उपाध्यक्ष लॉरेंस जोजो, केन्द्रीय महासचिव ज्योतिष महाली, केन्द्रीय प्रेस प्रवक्ता जॉनसन गुड़िया, युवा मंच के जिलाध्यक्ष बिरसा बंकिरा, खरसावां प्रखंड अध्यक्ष राजू मुंडा, कुचाई प्रखंड अध्यक्ष मंगल सिंह मुंडा, भारत उरांव, जादू मुंडा, सोमरा उरांव, राजेश तियु, जेवियर गुड़िया, तेलेस्फोर जोजो, सिरिल गुड़िया, पिंगल गुड़िया, मानिक कुजुर, राजेन्द्र अमांग, टिंकु हेम्ब्रम, कुचू हेम्ब्रम, सोनू हेम्ब्रम, सुरेश कुजुर, सीताराम सोय, सुशांत जारिका, डिबरू पुर्ति, राम कुजुर, सुरु सरदार, सुकुरमुनी सरदार, जमुना उरांव, सावित्री उरांव, सुजाता उरांव, सोमबरी उरांव, आरती उरांव, प्रिया उरांव, रीता उरांव, करन हेम्ब्रम, सन्नी कुदादा, जादू गागराई, पोकलो हेम्ब्रम, आनंद हेम्ब्रम, गुरुवा हेम्ब्रम, आदि मौजूद थे.