खरसावां: झारखंड सरकार के एग्रीकल्चर एडिशनल डायरेक्टर पडेनाथ त्रिपाठी ने बुधवार को खरसावां का दौरा कर खेती का निरीक्षण किया. इस दौरान खेत पर पहुचकर खरीफ फसल देखा. किसानों से बात कर उनकी समस्या सुनी. एडिशनल डायरेक्टर ने खरसावां प्रखंड के बोरडीह और रामगढ के खेतों का निरीक्षण कर खरीफ फसल का आकंलन किया.
इस दौरान किताना बारिश हुआ, कितना उत्पादन हुआ, सुखाड़ की स्थिति कैसी है. इसका आकंलन किया. निरीक्षण में पाया कि अधिकतर खेत खाली है. किसानों ने बारिश कम होने के कारण खेती नही किया. तो उत्पादन कहां से होगा, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है. जो फसल छिटी विधि से लगाया गया था. वह भी सूख गया है. उसमें भी पैदावार की कोई गुंजाइश नहीं है. मौके पर श्री तिपाठी ने कहा कि सरायकेला- खरसावां जिला सहित झारखंड में कम बारिश के कारण सुखाड की स्थिति है. किसान परेशान है. जिसका प्रतिवेदन सरकार को सौंपा जाएगा. उन्होने कहा कि बारिश कम होने के कारण राज्य व जिला में खरीफ फसलो की बुवाई प्रभावित हुई है. खास कर धान की खेती काफी प्रभावित हुई है. किसानों को हुए इस नुकसान की भारपाई के लिए कृषि विभाग द्वारा कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों को हुए फसल नुकसान की भारपाई करने के लिए राज्य सरकार द्वारा झारखंड फसल राहत योजना चलाई जा रही है. इसके साथ ही वैकल्पिक खेती योजना पर भी काम चल रहा है. निरीक्षण के दौरान बीटीएम नीरज श्रीवास्तव उपस्थित थे.