खरसावां : खरसावां पथ निरीक्षण भवन में सोमवार को झारखंड आंदोलरकारी सेनानियों ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया. इस दौरान मौके पर झारखंड आंदोलरकारी मंच के मुख्य संयोजक धनपति सरदार ने कहा कि खरसावां गोलीकांड का 76वां वर्षगांठ मनाने का संकल्प लिया है. जिसमें झारखंड के मुख्यमंत्री भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने लिये आने वाले है. उन्होने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री खरसावां के शहीदों के आश्रितों के लिये नियुक्ति पत्र लेकर आये. तभी जा कर शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजली होगी.
इस बार केवल शॉल ओढाकर और शहीद वेदी मे फूल चढ़ा कर सच्ची श्रद्धांजलि नहीं होगा. झारखंड अलग राज्य हुए 23 वर्ष होने के बावजूद 11 बार सरकार बनी फिर भी झारखंड आंदोलनकारी एवं शहीदों के आश्रितों को सरकारी लाभ मिलने की बात तो दूर एक भी झारखंड आन्दोलनकारी आयोग ने एक भी शहीदों के आश्रितों को चिन्हित नहीं किया और आन्दोलनकारी आयोग ने फर्जी आन्दोलनकारियों को मोटी रकम लेकर चिन्हित कर रहे है. वर्तमान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शहीद स्थल से घोषणा भी की थी कि शहीदों के आश्रितों को खोज-खोज नौकरी देने देगे पर एक भी आश्रित को नौकरी नहीं दिया.
उन्होंने शहीद स्थल को विकसित करने के लिये 17 करोड़ उपलब्ध करने का भी घोषणा किया था. लेकिन अभी तक शहीद स्थल के लिये सरकार के द्वारा साकारात्मक पहल नही किया. उन्होने कहा कि झारखंड में 23 वर्ष के बाद भी स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति नहीं बनाई गई. पेसा कानून को सख्ती से लागू नहीं कर रहे है. वनाधिकार कानून-2006 को लागू नही किया जा रहा है. जिससे वन विभाग के पदाधिकारी दावेदारो को विभिन्न प्रकार से प्रताडित और परेशान कर रहे है.
मुख्यमंत्री शहीद स्थल से घोषणा करे कि आन्दोलनकारियों को 30 हजार प्रतिमाह पेंशन दिया जाये साथ ही जिन आन्दोलनकारियों को अब तक चिन्हित नही किया उन्हे चिन्हित करने का काम करे. प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य रूप से धनपति सरदार, बुधराम सोय, डेविड सिंह कालुन्डिया, राम कृष्ण निषाद, रोहित कालुडिया, राजेश मुन्डरी आदि उपस्थित थे.