खरसावां: गोलीकांड के वीर शहीदों को आम आदमी पार्टी की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस मौके पर आप नेता बिरसा सोय ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बनने के 23 साल के बाद भी खारसावां के वीर शहीदों को राज्य सरकार न्याय नहीं दिला सकी. खरसावां गोलीकांड के 76 वर्ष हो चुके है. बाबजूद इसके खरसावां गोलीकांड के वीर शहीदों की पहचान नहीं हो पाई है. यह शहीदों का अपमान है.
श्री सोय ने कहा कि राज्य सरकार की सूची में सिर्फ 14 शहीदों के नाम है. जिसमें मतय हेंब्रम, हरि सरदार, मानकी पड़ेया, खेरसे पूर्ति, मड़की सोय, लखन हेंब्रम, धनेश्वर बानरा, कुंबर डांगिल, रघुनाथ पड़ेया, सुभाष हेंब्रम, बिटू राम सोय, मोराराम हेंब्रम, सूरा बोदरा, बुधराम सांडिल इत्यादि वो गिने- चुने नाम हैं. जिनकी पहचान हो पाई. ज्यादातर शहीदों की लाशें कभी बरामद ही नहीं हुई. गुमनाम शहीदों की गणना ख़ुद मौत न कर पाई होगी. निष्ठुरता भी चीखी होगी, निर्ममता चिल्लाई होगी. श्री सोय ने कहा कि आम आदमी पार्टी ही झारखंड के वीर शहीदों के सपनों को साकार कर सकती है. इस 23 साल में सभी पार्टियों को राज्य का सत्ता संभालने का अवसर प्राप्त हुआ, लेकिन सभी ने वीर शहीदों के सपनों को साकार करने के नाम सिर्फ लूटने का कार्य किया. यही वजह है कि आज भी झारखंड राज्य का विकास नहीं हो पाया है.
वहीं आप के कोल्हान प्रभारी मनीष कुमार डेनियल ने कहा कि खरसावां गोलीकांड के वीर शहीदों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी. खरसावां गोलीकांड जालियांवाला बाग कांड से बड़ा गोलीकांड था. इसके बाबजूद वीर शहिदों को आज तक न्याय नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है.
आप नेत्री सावित्री मार्डी ने कहा कि राज्य आज में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. महिलाओं पर जुल्म और अत्याचार निरंतर बढ़ रही है. झारखंड राज्य में खनिज संपदा का भंडार है. इसके बाबजूद रोज़गार के लिए झारखंड की महिलाओं को अन्य राज्यों में पलायन करनी पड़ रही है.
ये रहे मौजूद
खरसावां के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से आप के कोल्हान प्रभारी मनीष कुमार डेनियल, आप नेता बिरसा सोय, आप नेत्री सावित्री मार्डी, लॉरेंस जोजो ज्योतिष महाली, रामकृष्ण मुंडारी उर्फ टेने, जोगेन सोय, जयदरथ दोंगो, भारत गगराई, संदीप तोपे, गोलाराम लोवादा, मंगल सिंह मुंडा, मोहन सिंह मुंडा, जॉनसन गुड़िया, देवेंद्र मुंडा आदि शामिल थे.