खरसावां: पश्चिमी सिंहभूम खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच का एक प्रतिनिधिमंडल खरसावां विधायक दशरथ गागराई से मुलाकात कर मध्याह्न भोजन और आंगनबाड़ी में बच्चों को प्रतिदिन अंडा देने के राज्य सरकार के अधूरे वादा पूरा करने की मांग की गई. विधायक को सौंपें गए ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य सरकार ने पिछले पांच सालों में कई बार घोषणा किया है कि आंगनवाड़ी में 3- 6 साल उम्र के बच्चों को 6 दिन प्रति सप्ताह अंडा मिलेगा और विद्यालयों में मध्याह्न भोजन में बच्चों को 5 दिन अंडा मिलेगा, लेकिन पांच साल बाद भी ये घोषणाएं महज़ वादे तक ही सीमित हैं.
दुःख है कि जन समर्थन से बनी राज्य सरकार बच्चों के पोषण के प्रति इतनी उदासीन है. पश्चिमी सिंहभूम ज़िले में बच्चों में व्यापक कुपोषण है. 2019- 21 के सरकारी आंकड़ों (एनएफएचएस-5) के अनुसार ज़िला के पांच वर्ष से कम उम्र के 62 फीसदी बच्चे कुपोषित है (उम्र के अनुसार वज़न कम है) और 6 से 23 महीने उम्र के केवल 11 फीसदी बच्चों को पर्याप्त आहार मिल पाता है. 6 से 59 महीने की उम्र के 75 फीसदी बच्चे खून की कमी के शिकार हैं. ऐसी गंभीर परिस्थिति में बच्चों को अंडा से वंचित रखना अपराध से कम नहीं है. हम फिर से दोहराना चाहेंगे कि बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए अंडा एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ है. इसमें विटामिन सी के अलावा अन्य अधिकांश आवश्यक पोशक तत्व हैं. अंडे अन्य शाकाहारी विकल्पों जैसे फल, दूध और सोया चंक्स की तुलना में ज्यादा पौष्टिक होते हैं. अंडे न केवल अत्यंत पौष्टिक है बल्कि स्वादिष्ट और किफायती भी है. इससे न केवल पोषण के फाएदे है. बल्कि आंगनबाड़ी व मध्याह्न भोजन में रोज़ अंडा देने से आंगनबाड़ी व विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति भी सुधरेगी. इस दौरान मुख्य रूप से खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच के अशोक मुंडरी, डोबरो बारी, हेलेन सैंडी जयंती मधिष्ठी, कमल पूर्ति, मानको टेबिड, नरेश पूर्ति, सिराजयंती, सिदिपु कायम आदि उपस्थित थे.