सोनुआ/Jayant Pramanik खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम इकाई का प्रतिनिधिमण्डल गुरूवार को सदर विधायक दीपक बिरुवा व मंझारी विधायक निरल पूर्ति से मिलकर हेमंत सोरेन सरकार द्वारा बच्चों के लिए किये गए अंडा और दाल का वादा याद दिलाया.
मंच 19 जुलाई को मंत्री जोबा माझी एवं चक्रधरपुर व खरसावां के विधायकों से भी इस मुद्दे पर मिला था. यह मांग किया गया है कि विधायक विधान सभा के मानसून सत्र में सरकार को उसके वादों के विषय में याद दिलाएं और क्षेत्र के बच्चों के कुपोषण से लड़ने के विरुद्ध स्पष्ट प्रतिबद्धता दर्शाएं.
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री व विधायकों से कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो साल में कई महत्त्वपूर्ण पोषण सम्बंधित घोषणाएं किया था जैसे मध्याह्न भोजन में बच्चों को पांच दिन प्रति सप्ताह अंडा देना, आंगनबाड़ी में 3- 6 वर्ष के बच्चों को 6 दिन प्रति सप्ताह अंडा देना, जन वितरण प्रणाली में प्रत्येक कार्डधारी को सस्ते दर पर एक किलो दाल प्रति माह देना. राज्य सरकार ने इन सब वादों पर न केवल कई बार घोषणा की थी बल्कि बजट सत्र व कैबिनेट में पारित भी किया था. लेकिन दुःख की बात है कि घोषणा के महीनों (सालों) बाद भी ये धरातल पर नहीं उतरे हैं.
क्षेत्र में कुपोषण की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. 2019- 21 के सरकारी आंकड़ों (एनएफएचएस -5) के अनुसार ज़िला के पांच वर्ष के कम उम्र के 62% बच्चे कुपोषित है. 2015-16 के सर्वेक्षण की तुलना में न के बराबर सुधार हुआ है. ज़िले के एक तिहाई व्यस्क महिलाओं का बीएमआई सामान्य से कम है.
फिर भी जन प्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान नहीं दिखता है. आंगनवाड़ी व मध्याह्न भोजन में बच्चों के लिए प्रति दिन अंडे की मांग लम्बे समय से हो रही है. राज्य सरकार भी वादे पर वादे किये जा रही है जिनको धरातल पर उतारने की इच्छाशक्ति नहीं दिख रही है. यह दुःख की बात है कि जन समर्थन से बनी राज्य सरकार क्षेत्र के आदिवासी-दलित-वंचितों के पोषण व खाद्य सुरक्षा के प्रति इतनी उदासीन है.
यह सोचने की ज़रूरत है कि बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए अंडा एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ है. इसमें विटामिन सी के अलावा अन्य अधिकांश आवश्यक पोशक तत्व हैं. अंडे न केवल अत्यंत पौष्टिक है बल्कि स्वादिष्ट और किफायती भी है. इससे न केवल पोषण के लिए फायदा है, बल्कि आंगनवाड़ी व मध्याह्न भोजन में रोज़ अंडा देने से आंगनबाड़ी व विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति भी सुधरेगी.
इन्होंने आंगनबाड़ी में बच्चों व विद्यालयों में मध्याह्न भोजन में बच्चों एवं आंगनवाड़ी में धात्री व गर्भवती महिलाओं को प्रति दिन अंडा देने, आंगनवाड़ी में अंडे खरीद के लिए माता समिति आधारित विकेंद्रीकृत खरीद की व्यवस्था लागू करने, केंद्रीय कांट्रेक्टर आधारित व्यवस्था के तहत अंडे की आपूर्ति पर रोक लगाने, जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत सभी कार्डधारियों को सस्ते दर पर कम से कम एक किलो दाल प्रति माह देने, सभी हरे राशन कार्डधारियों को मुआवज़ा सहित बकाया राशन देने व हर महीने नियमित राशन सुनिश्चित करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में डोबरो बारी, हेलेन सुंडी, जयंती मेलगंडी, लक्ष्मण तामसोय, रमेश जेराई समेत अन्य सदस्य शामिल थे.