पंजाब में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सूबे में दहशत फैलाने के लिए सीरियल विस्फोट की तैयारी थी और इसकी पूरी साजिश व तानाबाना बुना जा रहा था.
पंजाब में माहौल खराब करने के लिए कई नामवर लोगों को भी मारने का पूरा प्लान था. इसमें आरएसएस के नेता मुख्य टारगेट हैं. एजेंसियों ने ताजा जानकारी में आगाह किया है कि पंजाब में ड्रोन के जरिये जो आरडीएक्स व टिफिन बम भेजे गए हैं, उस खेप के हिस्से अलग-अलग स्थानों पर हो सकते हैं. लिहाजा, पुलिस व एजेंसियों ने पंजाब में कई स्थानों पर आपरेशन शुरू कर दिया है. वहीं डीजीपी दिनकर गुप्ता ने आरएसएस की शाखाओं के अलावा उनके नेताओं की सुरक्षा के लिए तमाम अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं.
दरअसल, आरएसएस प्रमुख के ऐलान के बाद कट्टरपंथियों ने वर्ष 2002 में आरएसएस के राष्ट्रीय सिख संगत को सिख विरोधी करार दिया था. बब्बर खालसा इंटरनेशनल नाम के खालिस्तानी संगठन ने 2009 में राष्ट्रीय सिख संगत के अध्यक्ष रुलदा सिंह की पटियाला में गोली मार कर हत्या कर दी थी. उसके बाद कई वरिष्ठ आरएसएस के नेताओं को निशाना बनाया गया. जनवरी 2016 को लुधियाना के संघ नेता नरेश कुमार पर हमला किया गया. फरवरी 2016 में लुधियाना के किदवई नगर में चलाई जा रही संघ की शाखा पर गोलियां बरसाई गई. अगस्त 6, 2016 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उपाध्यक्ष, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत) जगदीश गगनेजा पर हमला कर उनकी हत्या की गई. लुधियाना के कैलाश नगर में एक और वरिष्ठ आरएसएस नेता रविंद्र गोस्वामी को गोलियों का शिकार बनाया गया। एजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक किसान आंदोलन से भी कट्टरपंथी काफी आहत हैं और उसका बदला लेने के लिए कोई न कोई रास्ता निकाल रहे हैं.
पंजाब में एक तरफ किसान आंदोलन चल रहा है और दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में पंजाब में तमाम राजनीतिक पार्टी के नेताओं की सक्रियता रहेगी. आतंकी संगठन इसका पूरा फायदा उठाने की फिराक में हैं. सूत्रों की मानें तो पाक में बैठे आतंकी संगठन किसी तरह सूबे में माहौल खराब कर खालिस्तान की लहर को जिंदा करने कीफिराक में हैं. दरअसल, रेफरेंडम 2020 के बुरी तरह से फ्लॉप होने के बाद आतंकी संगठनों ने मीटिंग कर फैसला लिया है, कि पंजाब के युवाओं में खालिस्तान के प्रति हमदर्दी की लहर पैदा की जाए.
पाक बैठे लखबीर का भतीजा है गुरमुख, विस्फोट कर फैलानी थी दहशत जालंधर से विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार गुरमुख सिंह बराड़ पाकिस्तान में बैठे अपने ताया इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के मुखी भाई लखबीर सिंह रोडे के साथ व्हाट्स एप से संपर्क में था. जांच टीम को ऐसे इनपुट मिले हैं कि दोनों के बीच एप के जरिये लगातार बात होती रहती थी और जो विस्फोटक सामग्री गुरमुख से बरामद हुई है, वह उसके ताया ने ही पाकिस्तान से उसको भेजी थी.
यह सामग्री ड्रोन से आई खेप का एक हिस्सा थी। जांच में सामने आया है कि पंजाब में विस्फोटक सामग्री ड्रोन के जरिये भेजी गई थी। इस खेप का एक हिस्सा ही गुरमुख से बरामद हुआ है. गुरमुख सिंह बराड़ को सात दिन के रिमांड पर लिया गया है. उससे आईबी के अलावा अन्य एजेंसियां भी सख्ती से पूछताछ में लग गई हैं. एनआईए की टीम भी पूछताछ के लिए कपूरथला आ रही है. दूसरा टिफिन बम मिलने से बदली जांच की दिशा पंजाब में शुक्रवार को एक और टिफिन बम मिला. इसके मिलने के बाद एनआईए की जांच की दिशा बदल गई है. पहला टिफिन बम 9 अगस्त को खेत में मिला था। तब जांच एजेंसियां एक अलग कोण से इस मामले की जांच कर रही थीं लेकिन दूसरा टिफिन बम मिलने के बाद इसे एक सिलसिले के रूप में देखा जाने लगा है.
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