चांडिल: सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल के कपाली के डोबो हनुमान नगर के खाता नम्बर 99/ 1 रकबा 3 एकड़ का मुद्दा सदन के मॉनसून सत्र में उठनेवाला है. रांची सांसद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है.
बीते कुछ दिनों से सरायकेला- खरसवां के चांडिल अंचल के डोबो के हनुमान नगर स्थित भूखंड को लेकर चल रहे विवाद में अब सांसद संजय सेठ ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. सांसद सेठ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला प्रशासन एवं चांडिल अनुमंडल प्रशासन के पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि चांडिल प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण और अमानवीय है. उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाते हुए जिला प्रशासन से मांग की है, कि इस मामले में जो भी दोषी पदाधिकारी है, उनपर कार्रवाई हो और उन्हें जेल की सजा हो. जहां केंद्र सरकार आदिवासियों के हित में जन कल्याणकारी निर्णय ले रही है एवं उनको मान सम्मान दिला रही है. वहीं राज्य सरकार आदिवासियों को बिना न्यायिक जांच के उनके घर से बेघर कर रही है. सांसद संजय सेठ ने कहा चांडिल अनुमंडल प्रशासन ने जिस तरह से कोर्ट के आदेश का अवहेलना कर जबरन कार्रवाई की है, अगर इसकी जांच और उचित न्याय नहीं हुई तो जो भी आंदोलन की रूपरेखा और न्याय संगत लड़ाई तय करना पड़ेगा वे करेंगे. उन्होंने चांडिल अनुमंडल प्रशासन से गरीब लोगों पर कानून की तरह- तरह की धारा लगाकर प्रताड़ित बंद करने की मांग की है. सांसद ने कहा कि फिलहाल वे दिल्ली में हैं, यदि आवश्यक महसूस हुई तो मामले को गृह मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे. इसके लिए उन्होंने जमीन विवाद से जुड़ी सभी कागजात और वीडियो फुटेज मांगा है. साथ ही उन्होंने कहा है कि लोकसभा के सदन में भी मामले को उठाएंगे.
संजय सेठ
आजसू भी जाता चुकी है आपत्ति
जगदीश चंद्र महतो
आजसू पार्टी के सरायकेला- खरसावां प्रेस प्रवक्ता जगदीश चंद्र महतो ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से ईचागढ़ विधायक सविता महतो पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि विधायक सविता ईचागढ़ वासियों की दुश्मन है. विधायक अब जमीन हथियाने के लालच में पुलिस- प्रशासन को हथियार बनाकर जनता को प्रताड़ित कर रही हैं. जगदीश महतो ने कहा कि जब डोबो के उस विवादित जमीन का मामला न्यायालय में विचाराधीन है और न्यायालय ने अंतिम निर्णय तक किसी भी निर्माण कार्य पर रोक लगा रखी है. इसके बावजूद प्रशासन ने न्यायालय के नियमों का उलंघन किया और निर्माण कार्य करने का आदेश दिया. जिसके कारण ग्रामीणों के साथ झड़प हुई. इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट प्रतीत हो रहा है, कि विधायक के निर्देश पर ही प्रशासन ने ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार किया है. इस पूरे घटना के जिम्मेवार विधायक और स्थानीय प्रशासन है. जगदीश महतो ने कहा कि आजसू पार्टी जिला प्रशासन से पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग करती हैं. उन्होंने कहा कि तत्काल चांडिल अंचलाधिकारी को बर्खास्त किया जाए. जगदीश महतो ने विधायक को चेतावनी देते हुए कहा कि जमीन हथियाने के लालच में जनता को प्रताड़ित करना बंद करें, अन्यथा पूरे जिले में आजसू पार्टी के हजारों कार्यकर्ता उग्र आंदोलन पर उतरने को बाध्य होंगे.
कुड़मी युवा छात्र मोर्चा ने शुरू की गोलबंदी
सुमित महतो
डोबो प्रकरण में जिस तरह से प्रशासन ने जिस बलराम महतो के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है है उससे विधायक सविता महतो के साख पर बट्टा तो लगा ही है, वे विपक्ष के साथ कुड़मी समाज के भी निशाने पर आ गयीं हैं. कुड़मी युवा छात्र मोर्चा के अध्यक्ष सुमित महतो ने विधायक पर सत्ता का दुरूपयोग कर सरकारी अधिकारियों के जरिए निजी हित साधने का आरोप लगाया है. श्री महतो ने कहा कि चांडिल सीओ ने
अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भोले- भाले आदिवासी ग्रामीण के साथ दुर्व्यवहार किया, इससे साफ जाहिर होता है, कि झारखंड में सत्ता के इशारे पर अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं. जल जंगल जमीन के स्वघोषित रक्षक की आड़ में झामुमो नीत सरकार भक्षक की भूमिका में नजर आने लगी है. जमीन हथियाने के चक्कर में विधायक यह भी भूल गई कि उन्हीं भोले- भाले गरीब आदिवासियों- मूलवासियों ने अपना बहुमूल्य वोट देकर उन्हें अपना जनप्रतिनिधि चुनकर विधानसभा भेजा, मगर उन्हें क्या मालूम, कि जिन्हें वे अपना रक्षक समझ रहे हैं, वही भक्षक बन बैठेगी. उन्होंने पूरे घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए पूरे प्रकरण की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
भूमिज समाज भी हो रहा आक्रोशित
चांडिल अनुमंडल प्रशासन की कार्रवाई से आदिवासी भूमिज समाज भी आक्रोशित है. जिस भूखंड को लेकर हंगामा बरपा है उक्त भूखंड को
सर्वेश्वर सिंह सरदार अपनी पुश्तैनी बताते हुए दावा कर रहे हैं. सर्वेश्वर मूल रूप से भूमिज समाज से आते हैं. सर्वेश्वर का कहना है कि उनकी जमीन हथियाने के लिए रिकॉर्ड रूम से नक्शा गायब करा दिया गया है. यह मामला कोर्ट में लंबित है, बावजूद इसके विधायक के इशारे पर अनुमंडल प्रशासन जांच करने के बजाए उल्टे गरीब होने के कारण मूल रैयत को परेशान करने और झूठे मुकदमे में फंसाने में जुटा है. उन्होंने समाज के लोगों का आह्वान करते हुए सहयोग की गुहार लगाई है.
सीओ के कृत्य पर एसडीओ ने डाला पर्दा, सीआई बने मोहरा!
डोबो प्रकरण में सीओ प्रणब कुमार अंबस्ट ने रैयत बलराम महतो का गर्दन पकड़कर धक्का दिया. इस दौरान एसडीओ रंजीत लोहरा, सीआई स्वप्न मिश्रा, एक बड़े बिल्डर और शिक्षण संस्थान के कर्मी, सैकड़ों पुलिसकर्मी मौजूद थे. मुट्ठीभर ग्रामीण अपने उजड़ते आशियाने को बचाने का प्रयास कर रहे थे. प्रशासन ने महिलाओं को पहले ही नजरबंद कर लिया था. फिर सोची समझी रणनीति के तहत सीआई द्वारा कपाली ओपी में बलराम महतो मनोज व अन्य के खिलाफ आधा दर्जन धाराएं लगवाकर मामला दर्ज कराया गया, जिसमें धारा 353 भी शामिल हैं. आखिर सीआई स्वप्न मिश्रा ही क्यों, सीओ, एसडीओ क्यों नहीं आगे आए. कपाली ओपी पुलिस ने मामले में एकपक्षीय कार्रवाई क्यों की, जबकि साक्ष्य चीख- चीख कर प्रमाण दे रहे हैं, गलती किसी थी. सीओ पर स्वतः संज्ञान क्यों नहीं लिया गया ? पुनः प्रमाण देखने के लिए निचे video जारी किया जा रहा है उसे जरूर देखें
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