कपाली/ Afroz Mallik गुरुवार देर शाम डोबो पुल के नीचे खरकई नदी से पुलिस ने पानी मे तैरता एक युवक का शव बरामद किया. जिसकी पहचान रविवार दोपहर आरआईटी के खरकई नदी के आसंगी में निर्माणाधीन चेकडैम में नहाने के दौरान डूबे सुमित मोदी के रूप में हुई है. उसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. आज युवक के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा.
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बता दें कि चार दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद जब एनडीआरएफ की टीम वापस लौट गई उसके बाद पांचवें दिन सुमित का शव घटनास्थल से करीब 20 किलोमीटर दूर डोबो पुल के समीप मिला. चार दिनों तक रांची से आए एनडीआरएफ की टीम ने चेकडैम में डूबे दोनों युवकों (सुमित मोदी और आदित्य महतो) को ढूंढने का प्रयास किया मगर उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. आदित्य का शव घटनास्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर नदी में बहता मिला. जबकि सुमित का शव करीब 20 किलोमीटर दूर डोबो में मिला.
शाम 6 बजे ही देखा गया था शव; देर रात परिजनों ने की पुष्टि
बता दें कि गुरुवार देर शाम करीब 6:00 बजे ही डोबो पुल के नीचे खरकाई नदी मैं युवक का शव देखा गया था उसके बाद सूचना मिलते ही आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह, वार्ड 24 के पूर्व पार्षद धीरेंन महतो, झामुमो नेता घनश्याम मंडल, परमेश्वर प्रधान, कपाली ओपी पुलिस, सोनारी पुलिस, आरआईटी पुलिस सहित अन्य मौके पर पहुंचे और स्थानीय गोताखोर देवाशीष धीवर एंड टीम के सहयोग से रात करीब 10:00 बजे के आसपास नदी से शव को बाहर निकलवाया उसके बाद सुमित के परिजनों को बुलवाकर शव की पहचान कराई. परिजनों ने शव की शिनाख्त की उसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
पुरेन्द्र ने जताई संवेदना
सुमित का शव बरामद होने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. पांचो दिन इस रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े रहे आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह, वार्ड 24 के पूर्व पार्षद धीरेन महतो, झामुमो नेता घनश्याम मंडल और परमेश्वर प्रधान के अलावे गम्हरिया सीओ कमल किशोर सिंह और आरआईटी के थानेदार विनय कुमार ने युवक के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की और हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया. पुरेन्द्र ने बताया कि मृतक सुमित और आदित्य दोनों अपने घर का इकलौता चिराग था. इस हादसे ने दोनों घरों के चिराग बुझा दिए हैं. घटना बेहद ही मार्मिक है. जिला प्रशासन और सरकार को दोनों के परिजनों खासकर सुमित के परिजनों को विशेष राहत पैकेज देने की जरूरत है. उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े पूरे टीम के प्रति आभार जताया.
स्थानीय गोताखोरों को मिले पहचान और आर्थिक सहयोग: पुरेन्द्र
जिस ऑपरेशन को निपटाने रांची से 30 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम पहुंची थी, तीसरे दिन ही टीम बैरंग लौट गई. उन्हें एक भी डूबे युवक का शव निकालने में सफलता नहीं मिली. इस पूरे अभियान में जमशेदपुर के सोनारी निर्मल बस्ती में रहनेवाले देवाशीष धीवर की टीम की भूमिका सराहनीय रही. भले हाईटेक एनडीआरएफ की टीम के आने के बाद उनकी पूछ नहीं हुई, मगर पहले दिन रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत देवशीष धीवर की टीम ने ही की थी, वहीं पांचवे दिन अभियान का समापन भी उन्हीं के हाथों हुआ. जैसे ही सुमित के डाबो पुल के नीचे नदी में शव होने की सूचना मिली देवशीष धीवर की टीम रात के अंधेरे और पानी के तेज बहाव का भय त्याग पर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बुलावे पर डोबो पहुंच गए और देर रात करीब दस बजे शव को निकालकर पुलिस को सौंप दिया. इस टीम में देवाशीष धीवर, लखन धीवर राखोहरी धीवर, मेघा धीवर और तोता धीवर हैं जो किसी भी जलीय आपदा की घड़ी में एक आवाज मात्र लगाते ही पहुंच जाते हैं. पुरेन्द नारायण सिंह ने जिलाधिकारी से मिलकर इन्हें सम्मानित करने और इनके लिए कोई नियमित आर्थिक पैकेज उपलब्ध कराने की मांग करने का भरोसा दिलाया. उन्होंने बताया कि हर आपदा की घड़ी में देवशीष धीवर की टीम सबसे पहले पुलिस- प्रशासन की मदद के लिए सामने आती है. उन्हें पहचान और सम्मान के साथ आर्थिक मदद की नितांत आवश्यकता है.
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