सरकार चाहती है कि जरूरतमंदों तक उसकी बनाई योजनाएं ससमय और सुगमता पूर्वक पहुंचे. मगर ऐसा होता नहीं है कारण चाहे जो हो. सालों साल योजना अधर में लटकी रहती है और जनता के लिए बनी लाखों की योजना करोड़ों और करोड़ों की योजना अरबों में चली जाती है. फिर भी जरूरमंदों तक समय पर योजना नहीं पहुंच पाती है नतीजा लोगों को अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरना पड़ता है. ऐसा ही मामला इन दिनों झारखंड के सरायकेला- खरसावां जिले में देखने को मिल रहा है. जहां कांड्रा जलापूर्ति योजना अबतक पूरी तरह से धरातल पर नहीं उतर सकी है और अब लोग आंदोलन को बाध्य हो चुके हैं. यहां तक कि लोगों ने आगामी पंचायत चुनाव का बहिष्कार तक करने का निर्णय ले लिया है. पहले आप इस तस्वीर को देखिए….
विडियो
देखा आपने ये कांड्रा वासी किस तरह पानी के लिए प्रदर्शन कर सरकार से पानी मांग रहे हैं. पानी हर इंसान के लिए कितना जरूरी है यह बताने की जरूरत नहीं. बरसों से क्षेत्र के लोग उम्मीद लगाए बैठे थे, कि उन्हें अब पानी मिले, कि तब मिले…. योजना अब तक अधूरी है. कब पानी मिलेगा यह बताने वाला कोई नहीं. सुनिए क्या कहते हैं क्षेत्र के लोग….
Byte
Byte
Byte
Byte
सुन लिया आपने… चलिए अब आपको बताते हैं इस योजना की जमीनी हकीकत दरअसल केंद्र प्रायोजित यह योजना तत्कालीन सांसद मधु कोड़ा की अनुशंसा पर पारित किया गया था. 5. 87 करोड़ की योजना के एवज में संवेदक को अबतक 9. 66 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है योजना अधूरी है. कांड्रा सिनेमा हॉल के आसपास सड़क के एक छोर के लोगों को पानी मिल रहा है, जबकि दूसरे छोर के लोग बूंद- बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. यही कारण है कि लोग अब अपने अधिकार के लिए सड़क पर उतर प्रदर्शन करने को बाध्य हैं. सवाल ये है कि आखिर योजना को तय समय पर पूर्ण क्यों नहीं किया गया ? इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? सरकार की योजना जनता के पैसे और जनता को ही दर- दर की खानी पड़े ठोकर. आखिर जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौन क्यों ?