कांड्रा: पिछले कई वर्षों से नीलांचल कंपनी में यूनियन को लेकर चल रहा विवाद 24 जनवरी को निर्णायक मोड़ पर आ गया, जब नीलांचल कंपनी में कार्यरत मजदूर यूनियन के नाम पर मजदूर दो गुटों में बंट गए. दोनों ही गुटों ने 24 जनवरी को अपने- अपने अध्यक्ष का चुनाव किया. पहले से चले आ रहे राकेश्वर पांडे के नेतृत्व वाले यूनियन ने राकेश्वर पांडे को तीसरी बार अध्यक्ष चुना तथा नई कमेटी में भरत मंडल को उपाध्यक्ष और सुमित मंडल को महासचिव के रूप में दोबारा चुना गया.
वहीं यूनियन पदाधिकारियों पर मजदूरों का शोषण करने और मनमानी करने का आरोप लगाते हुए दूसरे गुट ने एक अलग बैठक का आयोजन कर झामुमो के जिला उपाध्यक्ष सह गम्हरिया प्रखंड बीस सूत्री के उपाध्यक्ष राम हांसदा को अपना नया अध्यक्ष चुना. इस समानांतर कमेटी में अंगद प्रमाणिक को कार्यकारी अध्यक्ष तथा बुद्धेश्वर मंडल को उपाध्यक्ष के रूप में चयन किया गया. दोनों ही यूनियन के पदाधिकारियों ने अपने- अपने यूनियन को मजदूरों का व्यापक समर्थन मिलने का दावा किया है. बता दें कि पिछले दो- तीन वर्षों से नीलांचल कंपनी में कार्यरत नीलांचल वर्करस यूनियन को लेकर मजदूर दो गुटों में बट गए थे. पहले तो दूसरे गुट ने अध्यक्ष राकेश्वर पांडे से पदाधिकारियों की शिकायत की और यूनियन का चुनाव कराने की मांग की. दोनों गुटों में सुलह समझौते के भी कई प्रयास किए गए, लेकिन नतीजा नहीं निकला. अब कंपनी में नीलांचल वर्कर्स यूनियन के साथ- साथ एक समानांतर यूनियन भी खड़ी हो गई है और कंपनी में कार्यरत मजदूर भी दो गुटों में पूरी तरह बंट गए हैं. अब देखना होगा कि कंपनी प्रबंधन किस गुट को मान्यता देता है और कौन मजदूरों के हित में अपनी आवाज बुलंद करता है .