कांड्रा/ Bipin Varshney “का धन संचिये जब पूत कपूत होय…. यह कहावत चरितार्थ हुआ है सरायकेला के कांड्रा में. जहां तीन- तीन बेटों की मां सड़क के किनारे बैठी अपने भाग्य को कोसती नजर आयी. हालांकि बूढ़ी मां को अब भी अपने बेटे का इंतजार है.
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महिला बताती है कि वह गया की रहनेवाली है. उसके तीन बेटे सैयद, हफीज और शमशेर जमशेदपुर में अपने बीवी- बच्चों के साथ रहता है. आपस में लड़ाई झगड़ा किया और एक बेटे ने उसे अपनी मोटरसाइकिल पर लेकर यहां लाकर यह कह कर बैठा दिया कि मोटरसाइकिल में तेल खत्म हो गया है लेकर आता हूं. गया सो लौट कर नहीं आया.
वृद्ध महिला कांड्रा पुराना सिनेमा हॉल के समीप बैठी अपने बेटे का इंतजार करती रही. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना एसडीओ एवं स्थानीय पुलिस को दे दी है. समाचार लिखे जाने तक न तो वृद्ध महिला के बेटे पहुंचे थे, न पुलिस- प्रशासन की ओर से महिला का रेस्क्यू कराया गया था. हम अपने वेबसाइट के माध्यम से समाज के लोगों से आगे आकर बुजुर्ग महिला को सहारा देने की अपील करते हैं.
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