कांड्रा (विपिन वार्ष्णेय) विगत महीने कांड्रा पंचायत में आयोजित “आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम में ठंड को देखते हुए गरीबों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा नि:शुल्क वितरण हेतु 200 कंबल पंचायत को प्राप्त हुए थे. जिसका वितरण उक्त कार्यक्रम में ही किया जाना था, लेकिन स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण ना तो कार्यक्रम के दौरान गरीबों को कंबल दिए गए और ना ही बाद में उन्हें प्रदान करने के प्रति जनप्रतिनिधियों ने दिलचस्पी दिखाई. इससे आम लोगों में आक्रोश व्याप्त है.


लोगों का कहना है कि कंबल को आए हुए महीने भर हो गए हैं, लेकिन अभी तक जरूरतमंदों को इसे उपलब्ध नहीं कराया जाना सरासर अन्याय है, जबकि इसी बीच ठंड और ठिठुरन काफी बढ़ गई है. इस ठंड में जब आम लोगों का जीना दूभर हो गया है तो ऐसे में गरीब तबके एवं फुटपाथ पर सोने वाले लोगों के सामने ठंड से बच पाना कितनी बड़ी चुनौती होगी यह समझ पाना कठिन नहीं है. ऐसा नहीं है कि कंबल बांटने के प्रति पंचायत के वार्ड सदस्यों ने कोई पहल नहीं की, बल्कि उनकी माने तो इसके लिए कई बार स्थानीय मुखिया से अनुरोध किया गया, लेकिन तारीख पर तारीख बढ़ती गई मगर गरीबों को राहत नहीं मिली. आखिर स्थानीय जनप्रतिनिधि किसका इंतजार कर रहे हैं.
इस बढ़ती ठंड और ठिठुरन के बीच अगर किसी गरीब तबके के व्यक्ति की ठंड के कारण मौत हो जाती है तो फिर इसका जिम्मेदार कौन होगा. जब सरकार आपके द्वार जैसे कार्यक्रम चलाकर जनता को यह एहसास दिला रही है, कि उनकी हर मुसीबत में और उनकी हर समस्याओं का निदान करने के लिए सरकार दरवाजे तक पहुंच रही है. फिर ऐसे में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मनमानी पूर्ण रवैया सरकार की भी महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फेर रहा है. सूत्रों की माने तो जिस जगह पर कंबल रखा गया है वहां भी उसकी मुकम्मल व्यवस्था नहीं है, और अगर यह गरीबों को देने आए कंबल दीमक का निवाला बन जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.
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