कांड्रा/ Bipin Varshney एक तरफ स्वास्थ्य विभाग रिपोर्ट जारी कर डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच लोगों को सावधान कर रहा है और बता रहा है कि पूरे राज्य में जुलाई महीने तक कुल 169 मरीज मिले हैं. जमशेदपुर में आंकड़ा सबसे ज्यादा है. इसके बावजूद सीमावर्ती जिला सरायकेला- खरसावां में स्वास्थ्य विभाग अपने कर्तव्यों के निर्वहन में पूरी उदासीनता बरत रहा है.
कांड्रा और आसपास के क्षेत्रों में यहां- वहां ना सिर्फ गंदगी का अंबार लगा है, बल्कि इनमें पनपते मच्छरों से पूरे क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल व्याप्त है. स्थानीय लोगों के मुताबिक पूर्व के वर्षों में स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा जगह- जगह, लोगों के घरों से लेकर आंगन, गलियों, नालों में डीडीटी अथवा ब्लीचिंग का छिड़काव किया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष जहां डेंगू जैसी मच्छरों से उत्पन्न होने वाली बीमारी से लोग दहशत में हैं.
वही कांड्रा में अचानक बढ़े मच्छरों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इस बाबत अभी तक ना तो स्वास्थ्य विभाग और ना ही स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधियों ने दिलचस्पी दिखाई. जिसका परिणाम है, कि लोग मच्छरों के आतंक से बुरी तरह त्रस्त हैं. एक तो बरसात के इस मौसम में पूरे क्षेत्र में मौसमी बुखार ने लोगों को अपने आगोश में ले रखा है. वहीं मच्छरों की बढ़ती तादाद ने डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी को जन्म लेने और पनपने का न्योता दे दिया है.