कांड्रा/ Bipin Varshney उपासना एवं लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन रविवार शाम को कांड्रा में श्रद्धालुओं ने स्वर्णरेखा नदी घाट, हरीश चन्द्र घाट एवं विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य दिया एवं परिवार व समाज के लिए सुख- समृद्धि की कामना की. इस दौरान महिलाओं ने संतान की रक्षा करने की कामना छठ मैया से की.
सोमवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सूर्योपासना का यह पर्व संपन्न होगा. महिलाओं ने समृद्धि के प्रतीक सूर्य देव के पूजन के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा है. रविवार सुबह से ही श्रद्धालुओं ने पूजा की टोकरी में फल, चावल के लड्डू, और पूजा के सामान से सजाना शुरू कर लिया था. इसके बाद शाम को सूर्य के अस्त होने के समय अर्घ्य दिया गया. जय माता दी यंग बॉयज क्लब की ओर से स्वर्णरेखा नदी घाट में साफ सफाई करवा कर छठ घाट तैयार करवाया गया था. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने छठ पूजन के घाट पहुंचकर अर्ध्य देकर सूर्य देव की उपासना की. वहीं सूर्य देव को अर्घ्य देकर परिक्रमा की गई. कांड्रा के छठघाट पूजा के रंग में रंगे दिखाई दिए. इस दौरान महिलाओं ने पारंपरिक छठ गीत गाकर संतान प्राप्ति, बच्चों की खुशहाली व उन्नति की कामना की. सूर्य उपासना का यह छठ महापर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष से शुरू होता है और सप्तमी को प्रात: उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूरा होता है. बुधवार को तीसरे दिन निर्जला व्रत धारण किए जन ने सुबह से ही घरों में प्रसाद बनाने की तैयारी की.इस दौरान व्रतियों ने घाट पर पूजा-अर्चना की. जल में खड़े होकर अस्तांचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. घाटों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेवादारों के साथ पुलिस भी तैनात रही.
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