कांड्रा/ Bipin Varshney क्षेत्र में पारंपरिक चड़क पूजा का भव्य आयोजन गुरुवार और शुक्रवार को किया जाएगा. श्री श्री सार्वजनिक चड़क पूजा समिति कांड्रा बस्ती की ओर से आयोजित दो दिवसीय अनुष्ठान के पहले दिन गुरुवार से शुरुआत संध्या 7 बजे से छोपल – छोपल (चोड़ा सिन्दरी) के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ किया जाएगा.
पहले दिन गुरुवार रात्रि 10 बजे से विराट छौ नृत्य पश्चिम बंगाल के उस्ताद कल्पना महतो एवं शंभुनाथ कर्मकार द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी. वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह 9 बजे रधनी फोड़ा (बाँधकुल्ही बॉस तोल) एवं दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक भोगता टाँगा (शिव भक्तो के द्वारा) द्वारा आयोजित किया जाएगा. जिसमें काफी संख्या में स्थानीय लोग शामिल होते हैं. छऊ नृत्य के इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसमें महिलाओं की समिति द्वारा छऊ नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी. दूसरे दिन भक्तों द्वारा अपनी पीठ पर नुकीली कील लगाकर लकड़ी के ऊंचे खंभे के सहारे लटक कर भगवान शिव के प्रति अपनी आस्था प्रकट की जाती है.
ढोल- नगाड़े की थाप पर थिरकते शिव भक्तों को देखने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों से भी काफी संख्या में लोग आते हैं. चिलचिलाती धूप और प्रचंड गर्मी के बावजूद दर्शकों का उत्साह कम नहीं होता है. आयोजन समिति के अध्यक्ष विजय महतो ने बताया कि कांड्रा मध्य बस्ती में चड़क पूजा मनाने की सदियों पुरानी (1931) से स्व. हाड़ीराम महतो एवं दसीयों ग्राम के ग्रामीणों के द्वारा इस परंपरा की शुरुआत की गई थी जो कई पीढ़ियों से लगातार चली आ रही है और आगे भी भक्तों द्वारा प्रभु इच्छा तक चलता रहेगा.
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विजय महतो (अध्यक्ष)
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कमेटी के मुख्य संरक्षक नृत्य गुरु शंकर महतो, अध्यक्ष विजय महतो, उपाध्यक्ष मुकेश महतो, महासचिव राजकिशोर महतो,सचिव धनंजय महतो, सह सचिव सुमित महतो, अमित महतो, कोषाध्यक्ष चंदन दास मोदक, शक्ति दास मोदक एवं आकाश महतो के अलावा स्थानीय लोग अपनी भूमिका निभाने में लगे हुए हैं.
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