कांड्रा: सरायकेला- खरसावां जिला के कांड्रा थाना पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. आपको बता दें, कि बीते 24 सितंबर को कांड्रा थाना क्षेत्र के व्यवसाई देवव्रत अग्रवाल उर्फ देबू अग्रवाल के 29 वर्षीय पुत्र मनीष अग्रवाल के रहस्यमयी तरीके से गायब होने के बाद एक ओर जहां पुलिसिया अनुसंधान चल ही रही थी, कि इसी बीच व्यवसाई के भाई दुर्गा अग्रवाल ने अपने मोबाइल पर मोबाइल नंबर 9583748424 से मनीष की बरामदगी के एवज में पांच लाख फिरौती के रूप में मांगे जाने के बाद 1 दिसंबर को दुर्गा अग्रवाल मोबाइल धारक द्वारा बताए गए स्थल आदित्यपुर पर पहुंचे. जहां फिरौती मांगनेवाले चार पहिया वाहन संख्या WB02Q- 9422 से आए थे, मगर पकड़े जाने के भय से सभी जमशेदपुर की ओर भाग गए. इसकी जानकारी दुर्गा अग्रवाल ने कांड्रा थाना पुलिस को दी थी. जिसके बाद एसपी के निर्देश पर एक टीम गठित करते हुए तफ्तीश शुरू की गई, इसी क्रम में गुरुवार दोपहर लगभग 1:00 बजे के आसपास थाना प्रभारी राजन कुमार को गुप्त सूचना मिली, कि वाहन संख्या WB02Q- 9422 आदित्यपुर थाना क्षेत्र के इर्द-गिर्द देखी गई है.
उक्त सूचना के आधार पर थाना प्रभारी राजन कुमार ने सहायक अवर निरीक्षक राजीव कुमार, किशोर मुंडा सब इंस्पेक्टर अमित कुमार, जितेंद्र चौहान एवं आरक्षी सशस्त्र बल के साथ आदित्यपुर के खरकाई पुलिया से पहले बाई ओर टीवीएस सर्विस सेंटर के समीप पहुंचे. जहां देखा चार चक्का वाहन संख्या WB02Q- 9422 खड़ी है. गाड़ी के पास जाकर देखने पर पता चला, कि उक्त गाड़ी में दो व्यक्ति बैठे हैं. जिन्होंने नाम पता पूछने पर अपना नाम अमर कुमार सिंह, और संतोष कामत पिता बताया. दोनों जमशेदपुर के रहनेवाले हैं. थाना प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि इनका एक और साथी इस मामले में शामिल है जिसकी तलाश की जा रही है उन्होंने बताया कि पूछताछ के क्रम में 1 दिसंबर को हुए घटना के संबंध में दोनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली. दोनों ने बताया, कि कुछ दिनों पूर्व हमारे साथी शोवित गोस्वामी ने ही इस घटना की साजिश रची थी.
उसने बताया कि कांड्रा का मनीष अग्रवाल विगत कुछ दिनों से लापता है, जिसके खोजबीन हेतु उसके परिवार के सदस्य काफी चिंतित है. तथा मनीष अग्रवाल को ढूंढने हेतु कोई भी कीमत दे सकते हैं. शौविक गोस्वामी के मोबाइल नंबर 9583748424 से दुर्गा अग्रवाल के मोबाइल पर फोन कर मनीष अग्रवाल को छोड़ने के एवज में पांच लाख की मांग की. तथा आधे घंटे के अंदर खरकाई पुलिया के पास बुलाया. परंतु दुर्गा अग्रवाल के साथ पुलिस के होने का आभास हमें हो गया जिस कारण हम लोग वहां से भाग निकले. पुलिस ने दोनों से पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.