कांड्रा में सड़क निर्माता कंपनी जेआडीसीएल की ओर से लगाए गए स्ट्रीट लाइट इन दिनों राहगीरों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है.
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कांड्रा स्टेशन के समीप श्वेता स्टोर के पास स्ट्रीट पोल का एक खम्भा कमजोर हो गया है, जो कभी भी टूटकर गिर सकता है. आपको बताते चले कि सड़क पर स्टेशन चौक के समीप स्ट्रीट लाईट के लिए लगाए गए पोल से विगत दिनों अज्ञात ट्रक अनियंत्रित होकर टकरा गई थी, जिससे पोल और स्ट्रीट लाइट क्षतिग्रस्त हो गया था.
जिस कारण पोल का निचला हिस्सा दब गया है. पोल में लगाए गए नट पोल के झुकाव के कारण ढीला पड़ने लगा है जो कभी भी गिर सकता है. बता दें कि उक्त मार्ग से होकर रोजाना हजारो वाहनों और राहगीरों का आवागमन होता है. अगर पोल सड़क पर गिर गया, तो बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता. वैसे जेआरडीसीएल की ओर से क्षेत्र में लगाए गए ज्यादातर स्ट्रीट लाइट महज शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं. कुछ लाइटें जलती हैं, तो कुछ खराब पड़े हैं.
ऐसे में किस बात का टोल राहगीर दे यह सोचने का विषय है. आपको बता दें कि सरायकेला जिला में प्रवेश करने पर कांड्रा गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा, कांड्रा टोल प्लाजा, आदित्यपुर टोल प्लाजा और सरायकेला- चाईबासा मार्ग पर एक और टोल प्लाजा कुल चार टोल टैक्स जमा कर अगर राहगीरों को खतरों से खेलकर सफर करना पड़े तो फिर टोल क्यों ? आदित्यपुर टोल ब्रिज से लेकर जमशेदपुर मरीन ड्राइव की ओर रात के वक्त जाने में अंधेरा ही अंधेरा मिलेगा.
टाटा- कांड्रा मार्ग पर आधे से अधिक सफर आपको बगैर स्ट्रीट लाइट के ही तय करने पड़ेंगे. हर दिन सड़क दुर्घटनाएं जिले के लागभग सभी मार्गों पर आम हो चले हैं.
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