वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर वैसे तो सभी सेक्टरों पर पड़ा है, लेकिन देश के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल सेक्टर आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया की कंपनियों पर इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. हालांकि यहां की लगभग सभी इकाइयां टाटा मोटर्स पर निर्भर है.
बता दें आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में छोटी-बड़ी लगभग ढाई हजार कंपनियां है. जहां लाखों मजदूर काम करते हैं. इनमें से सबसे बेहतरीन कंपनियों में शुमार जेएमटी ऑटो प्राइवेट लिमिटेड प्रबंधन ने सोमवार से यूनिट 1, 2, 3 और 6 के अलावा जेएमटी फाउंड्री, और जेएममटी फोर्जिंन में 30 अगस्त तक के लिए क्लोजर की घोषणा कर दी है. जहां अचानक प्रबंधन के क्लोजर लेने से मजदूरों में हड़कंप मच गया है. इस कंपनी के सभी यूनिट में लगभग तीन हजार कामगार कार्यरत हैं.
क्लोजर क्यों लिया गया इसकी जानकारी प्रबंधन की ओर से नहीं दी गई. हालांकि कंपनी की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने बस इतना ही कहा, कि प्रबंधन की ओर से किसी के भी प्रवेश पर रोक लगाई गई है. वहीं सूत्रों की अगर मानें तो जेएमटी समूह पर बैंक का कर्ज और बिजली का भारी-भरकम बकाया है. जिसके चलते मैनेजमेंट ने यह फैसला लिया है. वैसे अब देखना यह दिलचस्प होगा, कि 30 अगस्त के बाद कंपनी का क्या रुख रहता है. उधर ड्यूटी पर पहुंचे मजदूर सोमवार को बैरंग ही वापस लौटते नजर आए पिछले 20 सालों से यहां काम कर रहे एक कर्मचारी ने बताया, कि उन्हें पता नहीं, कि मैनेजमेंट ने ऐसा निर्णय क्यों लिया. वै
आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक जेएमटी ऑटो प्राइवेट लिमिटेड में सब कुछ ठीक-ठाक है, यह कहना जल्दबाजी होगा, क्योंकि पिछले कई दिनों से मैनेजमेंट और यहां के संवेदको के बीच तनातनी चल रही थी. कई संवेदक अपने मजदूरों को उनका वेतन भी ठीक से नहीं दे पा रहे थे. इसको लेकर पिछले दिनों मजदूरों ने संवेदक के खिलाफ हो- हंगामा भी किया था. वही जेएमटी ऑटो प्राइवेट लिमिटेड के अचानक से ब्लॉक क्लोजर लेने के बाद आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में हड़कंप मचा हुआ है.
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