आदित्यपुर की प्रतिष्ठित कंपनी जेएमटी ऑटो प्राइवेट लिमिटेड के कामगारों का बुरा हाल है. बता दें कि कंपनी के घाटे में जाने के बाद कामगारों ने डीएलसी का रुख किया, वहां से मामला एनसीएलटी में चला गया. बीते 23 फरवरी से कंपनी एनसीएलटी के गाइड लाइन पर संचालित हो रही है, मगर एक महीने बाद एनसीएलटी की ओर से मजदूरों को वेतन देने के नाम पर हाथ खड़े कर दिए गए.
जिससे मजदूरों की उम्मीद पर पानी फिर गया है. इसको लेकर गुरुवार को कामगारों ने एक बैठक कर उपायुक्त के नाम एक मांगपत्र तैयार किया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए मजदूरों ने बताया कि एनसीएलटी अधिकारी भी वर्तमान समय में मासिक वेतन भुगतान करने में अपनी असमर्थता जाहिर कर रहे है.
इस स्थिति से कामगारों के समक्ष मुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है, एवं स्कूल का फीस नहीं जमा होने के कारण बच्चों का नामांकन रद्द कर दिया गया है. कामगारों ने बताया, कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है, कि आगामी 8 अप्रैल को उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया जाएगा. साथ ही कांड्रा- आदित्यपुर मार्ग को जाम किया जाएगा. कामगारों ने ज्ञापन के माध्यम से उपायुक्त को अवगत कराया है, कि तय तिथि से पूर्व मामले में हस्तक्षेप कर कामगारों का वेतन भुगतान कराया जाए, ताकि धरना- प्रदर्शन जैसी नौबत नहीं आए.
कामगारों ने साफ कर दिया है, कि अगर इस परिस्थिति में किसी मजदूर के साथ किसी तरह की कोई अप्रिय घटना घटती है, तो उसके लिए प्रबंधन और जिला प्रशासन जवाबदेह होगा. बता दें कि जेएमटी ऑटो प्राइवेट लिमिटेड में करीब 400 स्थाई और 2000 से ज्यादा ठेका श्रमिक हैं, जो विगत 3 सालों से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, बावजूद इसके अब तक समाधान नहीं निकला है.
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नितेश कुमार (अध्यक्ष- JMT वर्कस यूनियन)