जमशेदपुर: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 2019 के चुनावी वायदों के तहत हर साल पांच लाख नौकरी दिलाने के वायदे को भले अबतक पूरा करने में विफल रही है. लेकिन उनकी पार्टी यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने मुख्यमंत्री के वायदों को नहीं भूली है. यही कारण है कि सरकारी नहीं निजी ही सही झामुमो ने टाटा स्टील के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है और स्थानीय लोगों को नौकरी देने की मांग पर अड़ गए हैं. झामुमो ने टाटा समूह से दो टूक शब्दों में कहा कि कि किसी कीमत पर बाहरी लोगों को बहाल होने नहीं दिया जाएगा. गुरुवार को झामुमो ने टाटा स्टील के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया. इस संबंध में झामुमो नेता महावीर मुर्मू ने बताया कि, टाटा समूह यहां के आदिवासियों और मूल वासियों को छोड़ खुली बहाली निकली है, ताकि बाहरी लोगों को बहाल किया जा सके. राज्य सरकार ने साफ तौर पर स्थानीय लोगों को नौकरी में बहाल करने का निर्देश दिया है, बावजूद इसके टाटा स्टील बाहरी लोगों को साजिश के तहत बहाल कर स्थानीय युवाओं को रोजगार से वंचित रखना चाहती है. उन्होंने टाटा समूह को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर टाटा समूह बहाली में स्थानीय लोगों के आवेदन की अवहेलना करती है तो टाटा समूह को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. गौरतब है कि टाटा स्टील द्वारा अप्रेन्टिस सहित कई पदों के लिए बहाली निकाली गई है, जिसमें योग्य अभ्यर्थियों के आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. हालांकि इस बहाली में देश के किसी भी राज्य के योग्य युवा आवेदन कर सकते हैं. इसको लेकर झामुमो में नाराजगी है.
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