चाईबासा: भारतीय जनता पार्टी के परिवर्तन यात्रा के समानांतर झारखंड सरकार ने मंईयां सम्मान यात्रा निकाली है. छठे दिन यह यात्रा कोल्हान के मझगांव विधानसभा पहुंची. इसमें मंत्री दीपिका सिंह पांडे, मंत्री बेबी देवी सांसद जोबा माझी के साथ गांडेय विधायक सह सीएम की धर्मपत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन भी मौजूद रहीं.
यहां एक सभा का भी आयोजन किया गया. इसके लिए बजावते मंच भी बनाया गया. वैसे तो यह सरकारी कार्यक्रम था मगर मंच देखकर ऐसा प्रतीत हुआ कि कोल्हान के इंडिया गठबंधन के नेताओं पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भरोसा नहीं रहा. मंच पर केवल एक पोस्टर लगा नगर आया जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को छोड़ कोल्हान के किसी भी नेता की तस्वीर नहीं थी. जबकि इसी क्षेत्र से मंत्री दीपक बिरुआ, सांसद जोबा माझी, विधायक निरल पूर्ति आते हैं किसी की तस्वीर पोस्टर में नहीं थे. और तो और जिस मंत्री के विभाग ने झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की सौगात दी, जिस मंत्री के विभाग ने झारखंड के किसानों के कर्ज माफ किए उनकी तस्वीर भी पोस्टर से गायब रही. जो यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कोल्हान के किसी नेताओं पर भरोसा नहीं रहा. ऐसा इसलिए भी कह सकते हैं क्योंकि कांग्रेस की सांसद रही गीता कोड़ा आज बीजेपी में हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलनकारी चंपाई सोरेन भी अब बीजेपी में चले गए. मंच पर एक और नजारा देखने को मिला. इस मंच पर पश्चिमी सिंहभूम झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष और चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव भी नजर नहीं आए.
जुटी भारी भीड़; बोली कल्पना मन करता है मायके चली जाऊं
हालांकि जनसभा में महिलाओं काफी भीड़ जुटी. कल्पना सोरेन के संबोधन पर भीड़ में शामिल महिलाओं ने जमकर तालियां बजाई और उनका स्वागत किया. यहां कल्पना सोरेन ने उड़िया भाषा मैं संबोधन करते हुए कहा कि यहां से मेरा मायके कुछ ही दूरी पर है. ऐसा लग रहा है कि यहीं से अपने मायके चली जाऊं मगर इतनी जिम्मेदारियां हैं जिसे पूरा करने के लिए मैं यहां आई हूं. आप लोग एक बार फिर से हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाइए क्योंकि वे अकेले आपके लिए लड़ रहे हैं. मंच से कल्पना सोरेन ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमानता विश्वास शर्मा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि असम में आदिवासियों की क्या स्थिति है इसे भी यहां के आदिवासियों को बताना चाहिए यहां के आदिवासियों को असम में नागरिकता क्यों नहीं दी गई वहीं केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए श्रीमती शौर्य ने कहा कि हो भाषा को आठवीं सूची में सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया इसका जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार यहां के आदिवासियों के लिए नीतियां बनाकर भेजती है राज भवन उसे रोक देता है उन्होंने बीजेपी को बहरूपिया पार्टी करार देते हुए कहा कि इस पार्टी से सावधान रहने की जरूरत है.
गीता कोड़ा और चंपाई सोरेन कोल्हान के कलंक: दीपिका सिंह पांडे
वहीं अपने संबोधन में मंत्री दीपिका पांडे ने पूर्व सांसद गीता कोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को कोल्हान का कलंक बताया. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की वजह से कोल्हान कलंकित हुआ है. ऐसे नेताओं से बचकर रहना है. कोल्हान की जनता ने उन्हें जितना मान सम्मान दिया आज पाला बदलकर दूसरे दल में चले गए हैं जिससे इंडिया गठबंधन कमजोर हुई है. उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन अपमान की बात करते हैं उन्होंने झारखंड को गिरवी रख दिया था समय रहते इसका खुलासा हो गया और झारखंड बिकने से बच गया. हमलोग एकजुट हैं और आगामी चुनाव में हमें इसका बदला लेना है.