झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को झारखंड इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी जियाडा के प्रबंध निदेशक से मुलाकात कर एक मांग पत्र सौंपा. जहां सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से झामुमो नेताओं ने टाटा समूह से स्थानीय मूल रैयतों का जमीन वापस दिलाने की मांग की. इस दौरान 12 विस्थापित गावों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. वैसे इनके द्वारा पूर्व से ही आगामी 30 अगस्त को टीजीएस और लॉन्ग प्रोडक्ट गेट पर धरना- प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है. झामुमो नेताओं ने बताया, कि 1904 में ही टाटा समूह द्वारा यहां के आदिवासियों और मूल रैयतों से मुआवजा और नौकरी का प्रलोभन देकर जमीनों का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन टाटा समूह अब अपने वायदे से मुकर रही है. ऐसे में स्थानीय मूल वासियों और आदिवासियों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. झामुमो नेताओं ने जियाडा प्रबंधन से स्थानीय आदिवासियों और मूल वासियों की जमीन वापस दिलाने की मांग की है.
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