Jharkhand Desk झारखंड में राज्यसभा के दो सीटों के लिए तारीखों का ऐलान होते ही सियासी सरगर्मी तेज होने लगी है. एनडीए और इंडिया खेमे में लामबंदी तेज होने लगी है. हालांकि संख्याबल के आधार पर दोनों ही खेमे से एक- एक प्रत्याशी आसानी से राज्यसभा भेजे जा सकते हैं. मगर नेवी रिटायर्ड कैप्टन राजेश कुमार के हालिया गतिविधियों और सत्ताधारी दल झामुमो से नजदीकियों से “इंडिया” खेमे का पेंच फंस सकता है. ऐसा भी संभव है कि यहां क्रॉस वोटिंग की नौबत आ जाए.
आपको बता दें कि वर्तमान राज्यसभा सांसद समीर उरांव और धीरज साहू का कार्यकाल इसी साल 3 मई को समाप्त होने वाला है. इससे पूर्व चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होनी है. आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. 21 मार्च को इसके लिए वोट डाले जाएंगे. इस बार बदले सियासी घटनाक्रम में “इंडिया” गठबंधन में उहापोह की स्थिति बनती जा रही है. धीरज साहू के ठिकानों पर आयकर छापे और ईडी की दबिश की वजह से “इंडिया” गठबंधन इस बार ऐसे विकल्प की तलाश कर रही है जो बेदाग छवि का हो. खबर है कि झामुमो इस बार अपना उम्मीदवार देने के लिए दावेदारी कर सकती है. इसके लिए सबसे आगे गांडेय से विधायक रहे सरफराज अहमद का नाम सामने आ रहा है, मगर और भी कई चेहरे पार्टी में हैं जिसपर पार्टी थिंक टैंक विचार- विमर्श कर सकती है.
इधर कांग्रेस भी ताल ठोक रही है और किसी बेदाग छवि के नेता को आगे लाना चाह रही है. इसको लेकर सोमवार को दिल्ली में रायशुमारी होने की खबर है. हालांकि सोमवार को सिंहभूम से एकमात्र कांग्रेसी सांसद गीता कोड़ा के बीजेपी में जाने के बाद कांग्रेस आलाकमान सकते में हैं और अब नए सिरे से सियासी गणित बनाने में जुटी है.
कौन हैं कैप्टन राजेश
नेवी से रिटायर 61 वर्षीय कैप्टन राजेश दिशोम गुरु शिबू सोरेन से खासे प्रभावित हैं. उनके साथ उनकी नजदीकियां रही है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से भी उनके नजदीकी सम्बंध रहे हैं. सत्ताधारी दल के कई विधायकों से भी उनके अच्छे रिश्ते हैं. उनका मानना है कि विगत कुछ समय से झारखंड में जैसे राजनीतिक हालात बने हैं, उसके लिए जरूरी है कि राज्यसभा या लोक सभा में ऐसे लोगों को भेजने की आवश्यकता है जो बेदाग छवि, कुशल वक्ता और निडर हों ताकि जोरदार, प्रभावशाली एवं धमाकेदार तरीके से सदन के पटल पर बेखौफ होकर झारखंड की आवाज को रख सकें. कैप्टन राजेश अंग्रेजी, हिंदी एवं अन्य कई क्षेत्रीय भाषाओं के जानकार होने के साथ बेबाकी से हर बातों को रखने में उन्हें महारत हासिल है. उन्होंने बताया कि झारखंड से अभी बहुत ही जोरदार, असरदार और प्रभावशाली व्यक्तित्व और आवाज वाले व्यक्ति को राज्य सभा सांसद के रूप में भेजने की जरूरत है. बीमारी और बुढ़ापा के कारण गुरुजी अब बोल नहीं पाते, महुआ मांझी महिला सांसद है, उन्हें भी केंद्रीय एजेंसियों का भय दिखाकर शांत कर दिया जाता है. इसलिए वे भी मुखर होकर राज्यसभा में सवाल नहीं उठा पाती हैं. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या झामुमो कैप्टन राजेश के रूप में बेबाक राय रखने वाले व्यक्ति पर दांव लगाकर सदन भेजेगी या धनबल हावी रहेगा. हालांकि कैप्टन राजेश ने इस सवाल पर कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी. यदि पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाती है तो, मैं तैयार हूं यदि पार्टी उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाती है तो भी मैं दावेदारी करूंगा परिणाम चाहे जो हो. मैं गुरुजी और हेमंत बाबू के राजनीतिक संघर्षों का गवाह हूं. झारखंड निर्माण में उनकी भागीदारी को विपक्ष ने गलत तरीके से परिभाषित करके उन्हें बदनाम करने का साजिश रचा है जिसे किसी कीमत पर सफल होने नहीं देना है इसके लिए राज्यसभा में दमदार आवाज उठाने वाला चाहिए. पार्टी को ऐसे व्यक्ति को चुनकर सदन में भेजना चाहिए जिसकी छवि बेदाग हो और वह बेबाकी से सदन के पटल पर झारखंडी आवाज को बुलंद कर सके. वैसे यदि कैप्टन राजेश के नाम पर पार्टी एकमत नहीं होती है तब संभव है कि झारखंड में क्रॉस वोटिंग की नौबत आ सकता है. कैप्टन राजेश कांग्रेस और झामुमो विधायकों के संपर्क में हैं और जल्द ही वे इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं.