रांची: बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा बुलाए गए बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद के विधायकों ने एकबार फिर से हेमंत सोरेन को नेता चुन लिया है. वर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन आज शाम इस्तीफ़ा दे सकते हैं. सत्ताधारी दल के नेताओं ने शाम 7 बजे राज्यपाल से मिलने का समय लिया है.
ऐसे में साफ हो गया है कि हेमंत सोरेन के झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, जिससे उनके शीर्ष पद पर लौटने का रास्ता साफ हो गया है. विदित हो कि धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले हेमंत सोरेन ने जनवरी में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. पिछले हफ्ते उन्हें जमानत दे दी गई. उसके बाद ऐसा लग रहा था कि चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री बने रहेंगे, मगर अचानक से बदलते घटनाक्रम में हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी पेश कर दी है. दावा किया जा रहा है कि गठबंधन के विधायकों संग हुए बैठक में उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति बनी है. मगर सूत्र बताते हैं कि चंपाई खेमा इस फैसले से नाराज है. क्योंकि चंपाई सोरेन ने ऐसे समय में सूबे की सत्ता संभाली जब पार्टी नेतृत्व संकट से गुजर रही थी. उन्होंने करीब पांच महीने तक निर्विवाद रूप से सरकार चलाया. इतना ही नहीं गठबंधन के नेताओं को भी साथ लेकर बेहद ही कुशल नेतृत्वकर्ता का परिचय दिया. चंपाई सोरेन ने लोकसभा चुनाव में भी अपने कुशल निर्देशन में पांच- पांच सीटों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को जीत दिलाया, बावजूद इसके उन्हें अचानक हटा देना कहीं ना कहीं पार्टी और इंडिया गठबंधन के सेहत के लिए हितकर नहीं होगा.
सूत्रों ने बताया कि हेमंत सोरेन के पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन उन्हें बदलने के फैसले से खुश नहीं हैं. अंदरखाने की माने तो चंपई सोरेन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि बुधवार को हुए विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन ने कहा कि वे “अपमानित” महसूस कर रहे हैं. हालांकि, पार्टी ने आगे बढ़कर हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया है. चंपई सोरेन आज शाम राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं, जिसके बाद हेमंत सोरेन के पदभार संभालने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.