RANCHI राज्य की सत्ता पर काबिज होते ही सीएम हेमंत सोरेन रोजगार देने के मोर्चे पर विफल साबित हो रहे हैं. आलम ये है कि पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा नियोजित सहायक पुलिसकर्मियों को भी वर्तमान सरकार ने अनुबंध समाप्त होते ही बाहर का रास्ता दिखा दिया. विदित रहे कि ये सभी सहायक पुलिसकर्मी आदिवासी- मूलवासी समुदाय के युवा हैं, जिन्हें भटकाव से रोकने के उद्देश्य से तत्कालीन सरकार ने पुलिस विभाग में यह कहकर नियोजित किया था, कि तीन साल के बाद उन्हें नियमित रूप से बहाल कर लिया जाएगा.
मगर रघुवर दास की सरकार जाते ही वर्तमान सरकार ने राज्य भर के सहायक पुलिस कर्मियों की सेवा को समाप्त कर दिया जिसके बाद सहायक पुलिस कर्मी आंदोलित हो उठे और राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक मोराबादी मैदान में धरने पर बैठ गए हैं.
हालांकि पिछले 24 दिनों से सभी सहायक पुलिसकर्मी धरने पर बैठे हैं लेकिन उनकी सुध लेने ना तो राज्य के मुख्यमंत्री पहुंचे ना ही कोई आला अधिकारी जिन जल जंगल जमीन की बात कर राज्य के युवा मुख्यमंत्री सत्ता पर काबिज हुए आज उन्हीं युवाओं की सुध लेने की मुख्यमंत्री को जरूरत नहीं.
इधर बुधवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास मोराबादी मैदान पहुंचे और आंदोलनरत सहायक पुलिस कर्मियों का हाल जाना.
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इस दौरान उन्होंने आंदोलनरत सहायक पुलिस कर्मियों के साथ बैठकर बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे उनके आंदोलन में हर स्तर पर सहयोग करेंगे.
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वहीं उन्होंने राज्य सरकार से अविलंब सहायक पुलिस कर्मियों का समायोजन करने एवं उनके वेतनमान में बढ़ोतरी और जो सहायक पुलिस कर्मी आंदोलन के दौरान शहीद हो चुके हैं उनके आश्रितों को उचित मुआवजा एवं नौकरी दिए जाने की सलाह दी है उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय बैठक कर जल्द से जल्द सरकार इस पर निर्णय लें अन्यथा सहायक पुलिस कर्मियों के समर्थन में भाजपा भी आंदोलन को बाध्य हो जाएगी
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रघुवर दास (पूर्व मुख्यमंत्री)
इस दौरान आंदोलन कर रहे सहायक पुलिस कर्मी अपनी पीड़ा बयां करते करते रो पड़े और राज्य के मुखिया से यही सवाल किया कि आखिर उनकी क्या गलती है !
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सहायक पुलिसकर्मी