रांची: सूबे में सियासी संग्राम के बीच गुरुवार देर शाम 39 विधायकों को कड़ी सुरक्षा के बीच राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया. यहां से चार्टड प्लेन से सभी विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने की तैयारी थी. सभी विधायकों के प्लेन में बैठने के बाद करीब डेढ़ घंटे तक प्लेन रनवे पर खड़ा रहा मगर विजिबिलिटी कम होने की वजह से प्लेन टेकऑफ नहीं कर सका इसलिए विधायकों के हैदराबाद शिफ्टिंग प्लानिंग कैंसिल कर पुनः सभी को कड़ी सुरक्षा में वापस सर्किट हाउस ले जाया गया.
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वहीं विधयकों को शिफ्ट करने पहुंचे झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, निर्दलीय विधायक प्रदीप यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. सभी ने बताया कि भाजपा के गिद्ध दृष्टि से बचने के लिए विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा है. तीनों नेताओं ने राज भवन पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं. बताया कि संख्या बल होने के बाद भी राजभवन से सरकार बनाने का न्यौता नहीं मिलना लोकतंत्र की मर्यादा का हनन है. वैसे तीनों नेताओं ने बताया कि हमारे पास पर्याप्त संख्या बल हैं, हम सरकार बनाने की स्थिति में है. मगर भारतीय जनता पार्टी जिसकी शुरू से ही चुनी हुई सरकारों का हरण करना फितरत रहा है उससे अपने विधायकों को सुरक्षित करना जरूरी है. अब शुक्रवार को सभी की नजर राजभवन के निर्णय पर टिकी है. वहीं महागठबंधन के विधायकों को एकजुट रखना भी बड़ी चुनौती होगी. वैसे राजभवन की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं.
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