जमशेदपुर: अपने 9 सूत्री मांगों को लेकर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (समाहरणालय संवर्ग) संवर्ग के कर्मियों ने जिला मुख्यालयों के समक्ष मंगलवार को काला बिल्ला लगाकर एकदिवासीय धरना- प्रदर्शन किया. इसमें समाहरणालय संवर्ग के प्रतिनिधियों एवं समाहरणालय एवं समाहरणालय लिपिकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों एवं संविदा पर कार्यरत कर्मियों ने हिस्सा लिया.

बता दें कि राज्य के 24 जिलों के समाहरणालय संवर्ग के कर्मियों ने इसमें भाग लिया और जिला मुख्यालयों पर एकदिवसीय धरना- प्रदर्शन के जरिए सरकार तक अपनी मांगों को रखा. इधर जमशेदपुर में धरना का नेतृत्व कर रहे संघ के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि 9 सूत्री मांग की पूर्ति हेतु राज्य के सभी जिलों में यह आंदोलन चलाया जा रहा है. मंगलवार से इसकी शुरुआत हुई है. पहले दिन सभी कर्मी काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. 18 जुलाई को सभी कर्मी 3 घंटे के लिए पेन डाउन स्ट्राइक रखेंगे. 19 जुलाई तक यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो 20 जुलाई को सभी जिला मुख्यालय पर कैंडल मार्च निकाला जाएगा. उसके बाद झारखंड राज्य के सभी जिलों के सभी समाहरणालय कर्मी 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. उन्होंने राज्य के सभी समाहरणालय संवर्ग कर्मियों से इसे सफल बनाने की अपील की है. उन्होंने बताया कि 2022 से ही सरकार के समक्ष संघ द्वारा अपनी मांगों को रखा जा रहा है मगर सरकार मामले को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने बताया कि मात्र ₹500 समाहरणालय संवर्ग कर्मियों के वेतनमान में बढ़ाने की मांग संघ द्वारा की जा रही है, क्योंकि सरकार का सबसे महत्वपूर्ण अंग समाहरणालय संवर्ग स्तरीय कर्मी होता है जो हर तरह के कार्यों को करते हैं. बावजूद इसके उनका वेतनमान आज भी 1900 रुपए पे ग्रेड है, मगर सरकार इसे भी बढ़ाने को तैयार नहीं है. अंततः यह निर्णय लेना पड़ा है. इसमें मुख्य रूप से संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश रंजन दुबे सहित संघ के जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद रहे.
ये है मुख्य मांग
निम्न वर्गीय लिपिक के वेतनमान में ₹500 की वृद्धि करते हुए 2400 रुपए ग्रेड पे लागू करने, अनुसेवी संवर्ग पर कार्यरत चतुर्थ वर्गीय कर्मी जिनका 20 वर्षों से प्रमोशन नहीं हुआ है, उन्हें बिना परीक्षा के वरीयता के आधार पर प्रोन्नति देने, आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर को संविदा पर बहाल करने और जो संविदा पर बहाल हैं उन्हें नियमित करने एवं लिपिक पदनाम के जगह पर सहायक का पद देने की मुख्य मांग शामिल हैं.
बाईट
वीरेन्द्र कुमार यादव ( प्रदेश महासचिव झारखंड अनुसचिवीय कर्मचारी संघ)
