पलामू: सांसद विष्णु दयाल राम ने झारखंड सरकार की नई भाषा नीति पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर पलामू प्रमंडल पर गैर-स्थानीय भाषाएं थोपने का आरोप लगाया है.


नागपुरी और कुड़ुख पलामू की भाषा नहीं: सांसद
सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि नागपुरी और कुड़ुख भाषा पलामू की मूल भाषा नहीं है, फिर भी इन्हें पढ़ाई और सरकारी नौकरियों से जोड़ा जा रहा है, जो गलत है. उन्होंने कहा कि पलामू प्रमंडल में कहीं भी नागपुरी और कुड़ुख बोली नहीं जाती, न ही यहां कोई ऐसा शिक्षक है जो कुड़ुख भाषा पढ़ा सके.
भाषा के नाम पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़
सांसद ने स्पष्ट किया कि भाषा के नाम पर पलामू के युवाओं और विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक इस नियमावली में संशोधन नहीं होता, तब तक इस अन्यायपूर्ण नीति के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
स्थानीय भाषा की परिभाषा को पुनः स्पष्ट करने की मांग
सांसद ने राज्य सरकार से मांग की कि स्थानीय भाषा की परिभाषा को पुनः स्पष्ट किया जाए और पलामू प्रमंडल की मूल भाषाओं जैसे मगही और भोजपुरी को मान्यता दी जाए, ताकि छात्रों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. सांसद ने कहा कि यह सिर्फ भाषा का मुद्दा नहीं, बल्कि पलामू की पहचान और युवाओं के भविष्य का सवाल है.
