चांडिल: सरायकेला- खरसवां जिले के चांडिल थाना अंतर्गत छोटालाखा स्थित बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड (अब वर्तमान संचालक बनराज स्टील) चालू हो गई हैं, लेकिन स्थानीय जमीनदाताओं को अबतक उनका अधिकार नहीं मिला है. जिसके कारण आए दिन स्थानीय जमीन दाताओं को आंदोलन करना पड़ रहा है.
जमीन दाताओं को अधिकार दिलाने में किसी राजनीतिक दल के नेता और स्थानीय प्रशासन भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, जिसके कारण जमीन दाताओं को संघर्ष करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर कंपनी प्रबंधन के रवैये पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
सूत्रों की माने तो बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड कंपनी का संचालन अब बनराज स्टील कर रही हैं. जब भी स्थानीय जमीन दाता आंदोलन करते हैं, तो बनराज स्टील प्रबंधन के अधिकारी वार्ता की पहल करते हैं और आंदोलन करने वाले जमीन दाताओं के शर्तों पर सहमति बनती हैं, लेकिन, सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन और जमीन दाताओं के बीच सकारात्मक वार्ता होने के बाद बिहार स्पंज आयरन लिमिटेड प्रबंधन के एक अधिकारी अपना खेला शुरू कर देते हैं और जमीन दाताओं को अधिकार देने में अड़चन डालना शुरू कर देते हैं. यह अधिकारी लंबे समय से बीएसआईएल में जमे हुए हैं और अपने मन मुताबिक जमीन दाताओं को इधर से उधर करने में माहिर हैं. वार्ता में इनकी उपस्थिति होती हैं और अपनी बातों में जमींदाताओं को बहलाने फुसलाने में माहिर हैं. सूत्रों की माने तो बनराज स्टील प्रबंधन को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने में बीएसआईएल अधिकारी अड़चन डालते हैं. नतीजतन वार्ता में तय समय सीमा खत्म होने के बाद जमींदाताओं को मजबूरन फिर आंदोलन पर उतरना पड़ता है.
पिछले दिनों पंचग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति छोटालाखा के बैनर तले रेलवे ट्रैक को बाधित किया गया था, जहां रैक (मालगाड़ी) आती है. समिति के आंदोलन को रोकने के लिए बनराज प्रबंधन की ओर से वार्ता की गई. वार्ता में समिति के सभी 11 शर्तों पर सहमति बनी. वार्ता में 31 मार्च तक सभी शर्तों पर अमल करते हुए धरातल पर काम शुरू करने की बात हुई थी, लेकिन तय समय सीमा में समिति के शर्तों पर कोई पहल नहीं होने से जमीन दाताओं में नाराजगी बढ़ गई है, और अब उग्र आंदोलन करने की तैयारी में है.
दो मार्च को कंपनी प्रबंधन और पंचचग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति छोटालाखा के साथ हुई वार्ता में 11 शर्तों पर सहमति बनी है. जिसमें मुख्यतः वर्कर्स कैंटीन का संचालन, प्लांट वेस्टेज मेटेरियल वर्क, रैक क्लीनिंग वर्क, सिविल वर्क, बैग पैकेजिंग, स्थानीय लोगों को नौकरी आदि शर्तें शामिल हैं. इन कामों की जिम्मेवारी समिति को दिए जाने पर सहमति बनी थी, लेकिन प्रबंधन ने वादाखिलाफी की.
इधर, पंचग्राम विस्थापित प्रभवित समिति के बैनर तले गुरुवार को बैठक हुई. समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि गत दो मार्च को त्रिपक्षीय वार्ता में 11 शर्तों पर सहमति बनने के बाद अबतक किसी भी शर्त पर पहल नहीं हुई है. गत दो मार्च हुई वार्ता में जिन शर्तों पर सहमति बनी थी, उन शर्तों पर पहल करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया था. समिति का कहना है, कि प्रबंधन ने तय समय सीमा में किसी भी शर्त पर पहल नहीं की, जिसके लिए उग्र आंदोलन किया जाएगा. गुरुवार को बनराज स्टील कंपनी गेट के समक्ष पंचग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति की बैठक में आगामी दो अप्रैल से आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया गया.