सोनुआ/ Jayant Pramanik पश्चिमी सिंहभूम जिला के कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क आज भी जर्जर हाल में है, जिसके कारण इन गांवों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है. स्थिति ये है कि इन गांवों में कोई बीमार पड़े तो उसे ईलाज के लिये अस्पताल ले जाने के लिये गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाते हैं.
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जिला के सोनुआ प्रखण्ड के रेंगालबेड़ा गांव की भी यही स्थिति है. इस गांव की एक 58 वर्षीय बीमार महिला शुरु पूर्ति को ईलाज के लिये अस्पताल ले जाने के लिये जब गांव तक एम्बुलेंस या कोई निजी वाहन नहीं पहुंच पाया तो परिजनों और ग्रामीणों ने उसे खटिया से ढोकर करीब एक किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक लाया. इसके बाद उसे एक निजी वाहन से सोनुआ अस्पताल लाया गया.
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सोनुआ अस्पताल से बेहतर ईलाज के लिये उसे चाईबासा रेफर कर दिया गया. फिलहाल महिला का ईलाज सदर अस्पताल चाईबासा में चल रहा है.
ऐसे में साफ है कि 22 साल के झारखंड में आज भी स्वास्थ्य सेवा के लिए बुनियादी ढांचा नहीं सुधरना यहां के चुनी हुई सरकार के लिए आईना है जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि झारखंड आज कहां खड़ा है. चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों को झारखंड के इस दृश्य पर मंथन करने की जरूरत है.
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