हजारीबाग: शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक गर्भवती महिला को इलाज नहीं मिलने का मामला सामने आया है. बरकट्ठा से डिलीवरी के लिए अस्पताल पहुंची महिला को आरजू-मिन्नत के बावजूद इलाज नहीं मिला. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने कई बार डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया.


निजी अस्पताल में हुआ प्रसव
इलाज में हो रही देरी और प्रशासन की उदासीनता को देखते हुए परिजन गर्भवती महिला को लेकर एक निजी अस्पताल पहुंचे, जहां सुरक्षित प्रसव कराया गया. जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, लेकिन सरकारी अस्पताल की इस उदासीनता से परिजन काफी आक्रोशित हैं.
जांच समिति का गठन
घटना के सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निंदा करते हुए सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि आम लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं इस तरह उपेक्षित होंगी तो सरकारी अस्पतालों पर विश्वास कैसे कायम रहेगा.
आगामी कार्रवाई
अब यह देखने वाली बात होगी कि जांच के नाम पर मामले को ठंडा बस्ते में डाल दिया जाता है या फिर दोषियों पर कोई कार्रवाई होती है. इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
