DESK REPORT झारखंड की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले सरयू राय की बीजेपी को लेकर नाराजगी समाप्ति की ओर है. कभी भी उनकी घर वापसी हो सकती है. शनिवार को एक कार्यक्रम की जो तस्वीर सरयू राय ने अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर शेयर किए हैं उसे देखकर सरयू राय को करीब से जानने वाले उनकी राजनीतिक समझ चुके हैं. तस्वीर में सरयू राय के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी नजर आ रहे हैं जो बताने के लिए पर्याप्त है कि सरयू राय कौन सी खिचड़ी पका रहे हैं.
वहीं अब सवाल कई उभरकर सामने आ रहे हैं, मसलन सरयू राय यदि घर वापसी करते हैं तो उनकी भूमिका क्या होगी ? क्या पार्टी उन्हें फिर से विधायिकी लड़ाएगी या उन्हें केंद्र में लेगी और सांसद का टिकट देगी. दोनों ही मामलों में सरयू राय को लेकर पार्टी के अंदरखाने में एकमत बनाना कितना आसान होगा ये तो आनेवाला वक्त तय करेगा, मगर चर्चा है कि सरयू राय धनबाद शिफ्ट किए जाएंगे. पार्टी प्रभुनाथ सिंह का टिकट काटकर उन्हें प्रत्याशी बना सकती है. पिछले दिनों धनबाद में बढ़ते आपराधिक घटनाओं को लेकर सरयू राय का एक बयान भी आया था जिससे राजनीतिक पंडितों के कान खड़े हो गए थे. वैसे शनिवार को जिस कार्यक्रम की तस्वीर सरयू राय ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए हैं उस कार्यक्रम में हर साल अर्जुन मुंडा के साथ पीएन सिंह अतिथि के रूप में शामिल होते थे, मगर इस साल सरयू राय की मौजूदगी ने काफी कुछ साफ कर दिया है.
इधर जमशेदपुर पूर्वी सीट की अगर बात करें तो यह सीट बीजेपी की पारंपरिक सीट रही है. जमशेदपुर पश्चिम से टिकट काटे जाने के बाद रघुवर दास से खफा होकर सरयू राय ने बीजेपी से बगावत कर जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और रघुवर दास को बुरी तरह से पराजित कर सत्ता से बेदखल कर दिया. अब जब सरयू राय के वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं तो लोगों के जेहन में इस सीट को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं. सरयू राय की स्थिति वैसी नहीं है कि वे इस बार निर्दलीय या भाजमो (भारतीय जनतंत्र मोर्चा) के टिकट से बीजेपी या झामुमो- कांग्रेस- राजद गठबंधन को टक्कर दे सकें क्योंकि इसबार परिस्थियां अलग हैं. ऐसे में सरयू राय के पास बीजेपी से समझौता के सिवा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता है. यदि वे एमपी के लिए जाते हैं तो उन्हें जमशेदपुर पूर्वी सीट छोड़नी पड़ेगी और भाजमो का बीजेपी में विलय कराना होगा. अब जमशेदपुर पूर्वी सीट से बीजेपी का उम्मीदवार कौन होगा इसमें दो नाम सामने आ रहे हैं पहला नाम अभय सिंह का जो बाबूलाल मरांडी के खास हैं, जबकि दूसरा नाम अमरप्रीत सिंह काले का. काले अर्जुन मुंडा और मरांडी दोनों के करीबी रहे हैं हालांकि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल बताकर पिछले विधानसभा चुनाव के समय बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था, मगर बीजेपी नेताओं से उनके संबंध यथावत रहे. माना जा रहा है कि सरयू राय के साथ उनकी भी पार्टी में वापसी होगी और उन्हें भी एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. अल्पसंख्यक समुदाय से होने के नाते पार्टी को इसका लाभ भी मिलेगा.
फिलहाल ये सब झारखंड के भविष्य के राजनीति के समीकरण हैं. इसमें कई उठापटक आनेवाले दिनों में देखने को मिलेंगे. फिलहाल सभी की नजर पीएम मोदी के खूंटी दौरे पर टिकी हैं.