DESK राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भूमिगत हो गए हैं. खबर है कि वे दिल्ली या गौहाटी निकले हैं. अंदरखाने की मानें तो कल का दिन राज्य में कुछ बड़ा होने जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन रांची आवास से जमशेदपुर के लिए निकले थे मगर वे न तो जमशेदपुर पहुंचे न ही सरायकेला के जिलिंगोड़ा आवास पहुंचे. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार चंपाई सोरेन अपने खास सिपहसालारों के साथ कोलकाता के रास्ते दिल्ली या गौहाटी गए हैं. हालांकि फिलहाल इसकी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी है क्योंकि उनके किसी भी सिपहसालारों से संपर्क नहीं हो रहा है. जिससे कयासों और अफवाहों का बाजार गर्म है.
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री ने एक हफ्ते पूर्व ही इसके संकेत दे दिए थे. एक हफ्ता पूर्व उन्होंने सावन के चौथे सोमवारी से ठीक एक दिन पहले भगवान भोलेनाथ से राज्य की खुशहाली की कामना करते हुए कहा था कि राज्य के किसानों के लिए काफी काम करना है. राज्य में किसानों की स्थिति पर उन्होंने चिंता जताई थी. तभी से राजनीतिक पंडितों के कान खड़े होने लगे थे. उससे ठीक चार दिन पूर्व उन्होंने संथाल परगना में हो रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर अपनी ही सरकार से मामले की जांच करने की मांग की थी. उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने बीते 8 अगस्त को शहीद निर्मल महतो के शहादत दिवस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ न तो श्रद्धांजलि देने पहुंचे ना ही मंच पर मुख्यमंत्री से मुखातिब हुए. इतना ही नहीं 10 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 49 वें जन्मदिन के मौके पर उन्हें बधाई तक नहीं दिया. इधर 78वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में एक बार भी बीजेपी या बीजेपी के शासनकाल को लेकर कोई बयानबाजी नहीं की. जबकि तीनों ही मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अपने स्वभाव और अंदाज के विपरीत व्यवहार में दिखे.
हालांकि मुख्यमंत्री पद छिने जाने के बाद से ही पूर्व मुख्यमंत्री के व्यवहार में बदलाव महसूस किए जा रहे हैं. उनके समर्थकों में भी मायूसी छाई हुई है. इस बीच कई बार मीडिया में इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए गए, राजनीति के धुरंधर पूर्व मुख्यमंत्री ने मामले में चुप्पी साधे रखा है. इधर शनिवार से अचानक से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भूमिगत हो गए हैं, जिसके बाद राजनीतिक पंडितों के कान खड़े हो गए हैं. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री कब प्रकट होते हैं और अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं.