सरायकेला/ Rasbihari Mandal आदिवासी सावता सुसार अखाड़ा की ओर से शुक्रवार को सरायकेला के राजनगर प्रखंड के गामदेसाई फुटबॉल मैदान में झारखंड के वीर शहीद सिदो- कान्हू की जयंती मनाई गई जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक चंपाई सोरेन शामिल हुए और हजारों की संख्या में जुटे आदिवासियों को संबोधित करते हुए अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए उलगुलान का नारा दिया. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री पूरे लय में दिखे और मंच से कांग्रेस और हेमंत सोरेन सरकार पर तीखे हमले किए.


इससे पूर्व पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पैतृक गांव जिलिंगोडा के जाहेर थान में अमर शहीदों की याद में सपरिवार पौधा रोपण किया. वहीं शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने नगाड़ों पर थाप लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आदिवासी अल्पसंख्यक हो चुके हैं. उनका तेजी से धर्मांतरण हो रहा है इसके लिए कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जिम्मेदार है और राज्य की वर्तमान सरकार कांग्रेस के गठबंधन से चल रही है. चम्पाई सोरेन ने अपने हक और हुकूक के लिए आदिवासियों को एकजुट होने की अपील की और कहा कि अब भी यदि आदिवासी नहीं जागे तो न रूढ़िवादी परंपरा बचेगा न जाहेर थान बचेगा, न सरना स्थल बचेगा न देशउलि बचेगी. जिस तरह से अलग राज्य की डुगडुगी कोल्हान के जंगलों में बजी थी उसी तरह का उलगुलान अब घुसपैठियों और धर्मांतरण के खिलाफ करना होगा. उन्होंने कहा कि उन्हें दूसरे धर्म और संप्रदाययों से कोई द्वेष नहीं है मगर आदिवसियों के आरक्षण पर यदि कोई हकमारी करेगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे. हम अपने रूढ़िवादी परंपरा को बचाने के संकल्प से आगे बढ़ रहे हैं. साथ ही जिन्होंने धर्मांतरण किया है उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं देने की पैरवी की है.
बाईट
चम्पाई सोरेन (पूर्व मुख्यमंत्री)
