रायरंगपुर: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन रविवार को ओडिशा पहुंचे. जहां उन्होंने रायरंगपुर स्टेडियम में आदिवासी हो समाज के कार्यक्रम में जुटी भारी भीड़ के सामने धर्मांतरण कर चुके आदिवासियों को आरक्षण से बाहर करवाने की बात कही.

स्थानीय मंत्री, विधायकों एवं प्रतिनिधियों समेत हजारों लोगों के बीच उन्होंने कहा- “अगर धर्मांतरण को नहीं रोका गया तो फिर हमारे देशाउली, जाहेरस्थानों एवं सरना स्थलों पर कौन पूजा करेगा. अगर आदिवासी समाज इसी प्रकार अपनी हजारों वर्ष पुरानी, गौरवशाली संस्कृति को भुलाकर, एक विदेशी धर्म के पीछे भागते रहेगा तो फिर हमारा अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा.”
उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि- “जिस किसी भी व्यक्ति ने हमारी रूढ़िवादी परंपराओं को छोड़ दिया हो, उसे संविधान द्वारा हमारे समाज को मिले आरक्षण में अतिक्रमण का कोई अधिकार नहीं है. कोल विद्रोह के महानायक पोटो हो ने अपने समाज, संस्कृति की रक्षा एवं राष्ट्र के लिए अंग्रेजों के ख़िलाफ संघर्ष किया था, क्या हम उसे यूंही भुला देंगे ? आज हमें एकजुट होकर, आदिवासी समाज के अस्तित्व की रक्षा के लिए आंदोलन करना होगा.”
मंच पर मौजूद ओडिशा के वन एवं पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंहखूंटिया ने डीलिस्टिंग के मुद्दे पर पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि अगर धर्मांतरण नहीं रुका, तो भविष्य में आदिवासी समाज संकट में आ जाएगा. इस दौरान “हो गलांग कमिटी” द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हो समाज के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किया गया.
ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने पिछले हफ़्ते जामताड़ा से बांग्लादेशी घुसपैठियों एवं धर्मांतरण के विरोध में एक सामाजिक अभियान शुरू किया है, जिसे व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है.
