सरायकेला: झारखंड के पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन के नेतृत्व में संथाल परगना में शुरू हुआ आदिवासी अस्मिता बचाने का अभियान अप्रैल में कोल्हान में शुरू होगा. पूर्व सीएम द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों तथा धर्मांतरण के खिलाफ शुरू किया गया यह अभियान लगातार चर्चा में है.

इस विषय पर मंगलवार को कोल्हान के विभिन्न क्षेत्रों से आए आदिवासी समाज के मानकी- मुंडाओं के साथ पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन की बैठक हुई. बैठक के दौरान घुसपैठियों, धर्मांतरण समेत आदिवासी समाज से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों तथा उनसे निपटने की तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई.
इस संबंध में जानकारी देते हुए चम्पाई सोरेन ने कहा- “झारखंड का आदिवासी समाज आज दोतरफा चुनौतियों से घिरा हुआ है. एक तरफ बांग्लादेशी घुसपैठिए भूमिपुत्रों की जमीनों पर कब्ज़ा कर रहे हैं, हमारी बेटियों से शादी कर सामाजिक ताने- बाने को तहस- नहस कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तेजी से बढ़ रहे धर्मांतरण की वजह से सरना आदिवासी समाज का अस्तित्व ही संकट में आ चुका है.” इस सामाजिक संघर्ष को तेज करने का संकल्प दोहराते हुए उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन करने वालों तथा दूसरे धर्म में शादी करने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए. उन्होंने बताया कि अगले महीने से पोड़ाहाट (प. सिंहभूम) समेत कोल्हान के कई क्षेत्रों में आदिवासी समाज की अस्मिता एवं अस्तित्व की रक्षा हेतु अभियान शुरू होगा. ज्ञात हो कि पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन ने बांग्लादेशी घुसपैठियों एवं धर्मांतरण के खिलाफ संथाल परगना से एक वृहत आंदोलन शुरू किया है.
